जाने माने अर्थशास्त्री विवेक देबरॉय के मार्गदर्शन में पिछले साढ़े चार वर्षो के दौरान आर्थिक सुधार, विकास एवं सुशासन, विदेश मामलों समेत विभिन्न क्षेत्रों में किये गए सरकार के कार्यो को समाहित करता संकलन ‘मेकिंग आफ न्यू इंडिया’ तैयार किया गया है।
देबरॉय ने बताया कि इस पुस्तक का प्रकाशन श्यामा प्रसाद मुखर्जी प्रकाशन ने किया है जिसमें उनके अलावा दो अन्य संपादक किशोर देसाई और अनिर्वान गांगुली शामिल हैं। इस पुस्तक का लोकार्पण 27 नवंबर को वित्त मंत्री अरुण जेटली करेंगे और इसकी पहली प्रति राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेंट की जायेगी । उन्होंने बताया कि इस पुस्तक में 58 लेखकों के 51 पेपर हैं। कुछ पेपर को एक से अधिक लेखकों ने लिखा है। प्रत्येक पेपर 3,000 से 3,500 शब्दों का है।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन देवरॉय ने बताया कि यह सरकार की ओर से कराया गया संकलन नहीं है। हालांकि, इसमें नरेन्द्र मोदी नीत केंद्र सरकार के साढ़े चार वर्षों के कार्यकाल के दौरान किये गए कार्यों का संकलन किया गया है। इस पुस्तक के तीन हिस्से हैं जिसमें पहले खंड में एक आकलन पेश करने का प्रयास किया गया है। दूसरे हिस्से में विकास एवं सुशासन तथा तीसरे हिस्से में विदेश मामले हैं। देबरॉय ने बताया कि करीब 600 पृष्ठों की इस पुस्तक में नोटबंदी, माल एवं सेवा कर (जीएसटी), बैंकों से जुड़़ी गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) समेत आर्थिक सुधार के विविध आयामों को समाहित किया गया है ।
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