भोपाल गैंपरेप के चारों आरोपी दोषी करार, उम्रकैद की सजा
अदालत ने 19 वर्षीय छात्रा से सामूहिक बलात्कार के मामले में चार लोगों को आज दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने इस घटना को लेकर दो महीने से भी कम समय में अपना फैसला सुनाया।
भोपाल: यहां की एक स्थानीय अदालत ने 19 वर्षीय छात्रा से सामूहिक बलात्कार के मामले में चार लोगों को आज दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने इस घटना को लेकर दो महीने से भी कम समय में अपना फैसला सुनाया। राजधानी के हबीबगंज रेलवे स्टेशन इलाके में 31 अक्तूबर, 2017 की शाम को चार लोगों ने कोचिंग क्लास से वापस घर लौट रही छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार करने के बाद उसे जान से मारने का भी प्रयास किया था।
पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने इस मामले में 15 दिन के अंदर ही जांच पूरी कर 16 नवंबर, 2017 को अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर दिया। अदालत ने इस मामले में तेजी से सुनवाई करते हुए 36 दिन के बाद आज अपना फैसला सुना दिया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सविता दुबे ने आज इस मामले में चारों आरोपियों गोलू (25), अमर (24), राजेश चेतराम (26) और रमेश मेहरा (45) को दोषी ठहराते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ये जीवन रहने तक कैद में रहेंगे।’’
अतिरिक्त लोक अभियोजक रीना वर्मा ने अदालत के फैसले के बाद मीडिया को बताया कि अदालत ने चारों आरोपियों को आईपीसी की धारा 307 (हत्या के प्रयास) और 376 (डी) (सामूहिक दुष्कर्म) सहित अन्य धाराओं के तहत दोषी पाते हुए आजीवन कारापास की सजा सुनाई। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही अदालत ने दोषियों के खिलाफ अर्थदंड भी लगाया। गौरतलब है कि भोपाल सामूहिक दुष्कर्म की घटना को गंभीरता से लेते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने भोपाल सत्र न्यायाधीश को मामले में प्रतिदिन के आधार पर सुनवाई सुनिश्चत करने के निर्देश दिया था।
मालूम हो कि यूपीएससी की तैयारी कर रही 19 वर्षीय छात्रा के साथ 31 अक्तूबर को कोचिंग क्लास से वापस लौटने के दौरान भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन के समीप चार लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था। इसके बाद पीड़िता को प्राथमिकी दर्ज कराने के लिये हबीबगंज, एमपी नगर और जीआरपी थानों के बीच लगभग 24 घंटों तक भटकना पड़ा, जबकि उसके माता-पिता भी पुलिस विभाग में ही कर्मचारी हैं। इस मामले के खबरों में आने के बाद मध्यप्रदेश पुलिस ने लापरवाही बरतने के आरोप में पांच पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। इसके अलावा पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में गलती करने के आरोप में दो डॉक्टरों को भी निलंबित किया गया।