भोपाल: एक तरफ कोरोना संक्रमण की जंग देश-दुनिया शिद्दत से लड़ रही है वहीं, दूसरी तरफ राजधानी भोपाल में सिस्टम की नाकामी और प्रशासन की लापरवाही के चलते शर्मसार करती तस्वीरें सामने आ रही है। कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट आने के बाद भोपाल के बैरागढ़ निवासी एक व्यक्ति को अस्पताल ले जाने के लिए 2 घंटे तक एंबुलेंस नहीं आई तो वह पैदल ही अस्पताल के लिए निकल पड़ा। उसे चक्कर आए तो सड़क किनारे लेट गया। सरकार घटना को शर्मनाक बताते हुए जांच की बात कर रही है।
भोपाल के बैरागढ़ इलाके के रहने वाले 40 साल के कैलाश कई दिनों से बीमार थे, उन्होंने टेस्ट कराया। 27 तारीख को 11 बजे खबर मिली कि रिपोर्ट पॉजिटिव है और एंबुलेंस लेने आ रही है। जिसके बाद घंटों इंतजार किया लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। इसके बाद कैलाश घबरा गए कि घर में घरवालों को इंफेक्शन ना हो जाए इसलिए पैदल ही चिरायु कोविड सेंटर के लिए निकल पड़े। रास्ते में चक्कर आ गए तो सड़क किनारे ही लेट गए और आखिरकार 3 घंटे के इंतजार के बाद एंबुलेंस आई लेकिन तब तक मध्य प्रदेश सरकार की सिस्टम की पोल खुल गई। प्रशासन की लापरवाही सामने आ चुकी थी।
मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का यह हाल तब है जब प्रदेश में कोरोना एक बार फिर वापस आ चुका है प्रदेश के सभी जिलों में शनिवार रविवार को लॉकडाउन किया जा चुका है। राजधानी भोपाल में 10 दिनों का लॉकडाउन चल रहा है ताकि कोरोना के बढ़ते संक्रमण की चेन को रोका जा सके। सरकार के दावे हैं अस्पतालों में कोरोना की जंग से निपटने के लिए तमाम हथियार है। लेकिन राजधानी भोपाल की यह तस्वीर अलग ही कहानी कहते हुए नजर आती है बताती है कि राजधानी भोपाल में स्वास्थ्य सेवाओं का जब यह हाल है तो बाकी प्रदेश का रखवाला ऊपर वाला ही है।
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