भीलवाड़ा (राजस्थान): भीलवाड़ा जिले के करेडा क्षेत्र के चावंडिया गांव में एक मासूम की मौत के बाद उस बालिका के अंतिम संस्कार के लिए अपनों ने दूरी बनाई तो क्षेत्रीय उपखंड अधिकारी ने परिवार का फर्ज निभाते हुए अंतिम संस्कार किया। जिले कोरोना का खौफ इस कदर है कि चावंडिया गांव का एक परिवार मुम्बई रहता था वहां से अपने गांव आने के बाद बालिका के पिता की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई।
हुआ यूं कि जिले के करेड़ा थाना क्षेत्र के एक परिवार को गत दिनों (कोविड-19) संक्रमण हो गया जिन्हें जिला अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया। परिवार की महिला व एक 3 महीने की बच्ची की कोरोना रिपोर्ट नेगिटिव आने के बाद अस्पताल से उसे डिस्चार्ज कर घर होम क्वारनटाइन के लिए भेज दिया गया। बुधवार को बच्ची की तबियत बिगड़ने के बाद नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद मासुम को जिला अस्पताल ले जाते समय बच्ची ने दम तोड़ दिया।
बच्ची के पिता कोरोना पॉजिटिव होने से परिजनों मे भ्रम फैल गया कि बच्ची कोरोना पॉजिटिव थी तो उसे नेगिटिव बता कर घर क्यों भेज दिया गया। आज सुबह जब घरवालों ने बच्ची का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया तो उपखंड अधिकारी महिपाल सिंह तहसीलदार हरेंद्र सिंह,नायब तहसीलदार ओमप्रकाश शर्मा, थाना प्रभारी जगदीश प्रसाद आदि ने मौके पर पहुचकर परिजनों से समझाईश की।
बच्ची के परिजनों के नहीं मानने पर बच्ची के अंतिम क्रिया संस्कार का फर्ज निभाते हुए उपखंड अधिकारी महिपाल सिंह घर से बच्ची को शमशान तक लेकर गए और खुद गड्डा खोदकर बच्ची का अंतिम संस्कार का कार्यक्रम करवाया। वहीं बताया गया कि बच्ची के पिता को भीलवाड़ा में क्वारंटीम किया हुआ है।
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