पुणे: कोवैक्सीन टीके का निर्माण करनेवाली कंपनी भारत बायोटेक की सहयोगी फर्म बायोवेट अगस्त के अंत तक पुणे के मंजरी स्थित प्लांट से टीके का उत्पादन शुरू कर देगी। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है। फिलहाल भारत बायोटेक के हैदराबाद स्थित प्लांट से कोवैक्सीन का निर्माण हो रहा है। पुणे के डिविजनल कमिश्नर सौरभ राव और डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर राजेश देशमुख ने बुधवार को इस प्लांट का दौरा किया था।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में बायोवेट को वैक्सीन निर्माण के लिए तैयार प्लांट को अपने कब्जे में लेने की अनुमति दी है। इस प्लांट का निर्माण पुणे के मंजरी इलाके में 12 हेक्टेयर भूखंड पर हुआ है। यहां बायोवेट कोवैक्सीन टीके का उत्पादन करेगी।
राव ने पीटीआई को बताया कि इस प्लांट का पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार है। इस कंपनी की दूसरी खूबी है कि यह बेहद दक्ष है और इसके पास समर्पित टीम है। मुझे नहीं लगता कि यहां टीके का उत्पादन शुरू करने के लिए किसी तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार करने की जरूरत है। हर चीज अपनी जगह पर तैयार है। उन्होंने कहा कि बायोवेट के अधिकारी फिर भी अपनी संतुष्टि के लिए मौजूद इंफ्रास्ट्रक्चर का मुआयना कर आकलन कर रहे हैं।
डिविजनल कमिश्नर ने कहा, 'चूंकि वैक्सीन निर्माण एक बहुत ही परिष्कृत और संवेदनशील विषय है और इसकी प्रक्रिया बिल्कुल साइंटिफिक है इसलिए वे कोई रिस्क नहीं ले सकते। वे पूरी मैन्यूफैक्चरिंग लाइन और अन्य मशीनरी का आकलन कर रहे हैं।' बायोवेट के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें इस प्लांट का आकलन करने में एक हफ्ते का वक्त लगेगा।
राव ने कहा, ‘‘केंद्र और महाराष्ट्र सरकार से कंपनी को लाइसेंस, मंजूरी, नियामक फैसलों के संबंध में जिस तरह का सहयोग मिल रहा है, ऐसे में वे आश्वस्त हैं कि अगस्त अंत तक संयंत्र पूरी तरह से चालू हो जाएगा और टीके की पहली खेप बाहर आ जाएगी।’’ हाल में उच्च न्यायालय ने कहा था कि कोविड-19 की स्थिति के मद्देनजर संबंधित प्राधिकारों को इस संयंत्र को बायोवेट को सौंप देना चाहिए। पहले इस संयंत्र का इस्तेमाल अमेरिका की बहुराष्ट्रीय दवा कंपनी मर्क एंड कंपनी की एक सहायक इंटरवेट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड करती थी।
इनपुट-पीटीआई
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