नए साल पर डबल तोहफा: भारत में एक स्वदेशी और एक विदेशी कोरोना वैक्सीन को एक्सपर्ट्स ने दी हरी झंडी
नए साल 2021 में भारत में कोरोना वैक्सीन को लेकर लगातार दूसरे दिन बड़ी खबर आयी है। भारत को पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन भारत बायोटेक की Covaxin को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजरी मिल गई है।
नई दिल्ली। नए साल 2021 में भारत में कोरोना वैक्सीन को लेकर लगातार दूसरे दिन बड़ी खबर आयी है। भारत को पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन भारत बायोटेक की Covaxin को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजरी मिल गई है। भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन 'कोवैक्सीन' (Covaxin) को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने शनिवार को इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दे दी है। कोरोना वैक्सीन 'कोवैक्सीन' को चिकित्सा अनुसंधान निकाय इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के सहयोग से भारत बायोटेक ने विकसित किया है।
बता दें कि, नए साल के पहले दिन यानि 1 जनवरी 2021 को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोरोना पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोरोना वैक्सीन 'कोविशील्ड' के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी थी। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित वैक्सीन को भारत में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआइआइ) कोविशील्ड के नाम से तैयार कर रही है। भारत बायोटेक की 'कोवैक्सीन' और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोरोना वैक्सीन 'कोविशील्ड' दोनों को अंतिम मंजूरी के लिए देश के दवा महानियंत्रक यानी डीसीजीआइ वीजी सोमानी के पास भेजा जाएगा। वह इन वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत देंगे।
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देश में 6 वैक्सीन पर चल रहा काम
भारत में फिलहाल 6 वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है जिसमें कोविशील्ड और कोवैक्सीन सबसे आगे हैं। देश में तीन वैक्सीन निर्माता कंपनियों ने वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी देने के लिए आवेदन किया है। इनमें सीरम इन्स्टीट्यूट ऑफ इंडिया और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड और भारत बायोटेक और ICMR की स्वदेशी कोवैक्सीन को मंजूरी मिल गई है। वहीं फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन पर अभी फैसला होना है।
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शनिवार को भी हुई एक्सपर्ट कमेटी की बैठक
वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी देने के लिए शनिवार को भी एक्सपर्ट कमेटी की बैठक हुई। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में फाइजर, भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया तीनों ने एक के बाद एक अपना-अपना प्रेजेंटेशन दिया। इस बैठक में वैक्सीन कंपनियों से इनके उपयोग, प्रभाव और सफलता के बारे में जानकारी मांगी गई थी। अमेरिका की फाइजर पहली वैक्सीन थी, जिसने 4 दिसंबर को त्वरित मंजूरी के लिए आवेदन किया था। इसके बाद क्रमश: 6 और 7 दिसंबर को सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक ने आवेदन किया था। फाइजर ने हालांकि अभी डेटा पेश करने के लिए और समय मांगा है।
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भारत कोरोना की 4 वैक्सीन के साथ टीकाकरण की तैयारी में: प्रकाश जावड़ेकर
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने शनिवार को कहा है कि भारत शायद एकमात्र देश है, जो कोरोनावायरस के खिलाफ चार वैक्सीन के साथ वैक्सीनेशन को लेकर तैयारी में है। जावड़ेकर ने कहा कि ब्रिटेन ने फाइजर और एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को मंजूरी दी, अमेरिका ने फाइजर की वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी, लेकिन भारत में वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए तीन आवेदन पहले से हैं और यहां एक से ज्यादा वैक्सीन मिलने की संभावना है।
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30 करोड़ लोगों को टीका लगाने की योजना
केंद्र सरकार ने ड्राइव के पहले चरण में लगभग 30 करोड़ लोगों को टीका लगाने की योजना बनाई है। वैक्सीन सबसे पहले एक करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स के साथ ही 2 करोड़ फ्रंटलाइन और आवश्यक वर्कर्स और 27 करोड़ बुर्जुगों को दी जाएगी।वैक्सीन के लिए पहले से बीमारियों का सामना कर रहे 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी।