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Hindi News भारत राष्ट्रीय भारतीय कंपनी ने रचा इतिहास, स्वदेशी तकनीक से खुद बनाई स्नाइपर राइफल

भारतीय कंपनी ने रचा इतिहास, स्वदेशी तकनीक से खुद बनाई स्नाइपर राइफल

कंपनी का दावा है कि भारत में पहली बार उन्होंने स्वदेशी तकनीक से स्नाइपर राइफल का मॉडल तैयार करके उसे बनाया है। गौरतलब है कि प्राइवेट कंपनियों के लिए रक्षा क्षेत्र के रास्ते मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में ही खोले गए थे।

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नई दिल्ली: स्वदेशी तकनीक से दो स्नाइपर राइफलें बनाकर एक भारतीय कंपनी ने इतिहास रच दिया है। फिलहाल इनका प्रोटॉटाइप रेडी है। इन दोनों बंदूकों को एसएसएस डिफेंस नाम की कंपनी ने बनाया है। इसकी फैक्ट्री बेंगलुरु से 28 किलोमीटर दूर जिगानी में स्थित है।

इन राइफलों के नाम वाइपर और साबेर है। इसमें वाइपर में .308/7.62x51एमएम की गोली और साबेर में .338 की गोली लगती है। इसमें वाइपर की रेंज 1 हजार मीटर, वहीं साबेर की रेंज 1500 मीटर बताई गई है। कंपनी के डायरेक्टर सतीश बताते हैं कि दोनों ही राइफल सेना और सरकारी एजेंसियों को बीच मशहूर हैं।

बता दें कि सेना लंबे वक्त से स्नाइपर राइफल खरीदना चाहती है, लेकिन अभी तक सेना को ये राइफलें नहीं मिल पाईं हैं। स्नाइपर राइफल के लिए लगभग 20 कंपनियों ने टेंडर भरा था, लेकिन ये कंपनियां बुलेट को सौदे में शामिल नहीं कर रही इसलिए इस राइफल की खरीद पर निर्णय नहीं किया जा सका है।

सब कुछ ठीक रहने पर कंपनी इन्हें एक्सपोर्ट करने की भी सोच रही है। सूत्रों के अनुसार, कंपनी का दावा है कि भारत में पहली बार उन्होंने स्वदेशी तकनीक से स्नाइपर राइफल का मॉडल तैयार करके उसे बनाया है। गौरतलब है कि प्राइवेट कंपनियों के लिए रक्षा क्षेत्र के रास्ते मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में ही खोले गए थे।

फिलहाल कंपनी का लक्ष्य अपनी राइफल को टेस्ट में पास कराना है। यदि एसएसएस डिफेंस की राइफल टेस्ट में पास हो गई तो उसके बाद कंपनी अपनी कई और योजनाओं पर काम करेगी। फिलहाल कंपनी की फैक्ट्री 80 हजार स्कॉयर फीट से संचालित की जा रही है। सूत्रों के अनुसार कंपनी हथियारों के क्षेत्र में 20 करोड़ रुपये का निवेश कर चुकी है।

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