कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार ने निर्णय लिया है कि जिन कोविड योद्धाओं की मौत हो चुकी है या जो शारीरिक रूप से अक्षम हो गए हैं, उनके निकटम संबंधियों को मानवता के आधार पर रोजगार दिया जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि महामारी से अग्रिम मोर्चे पर मुकाबला कर रहे कर्मियों का मनोबल बढ़ाने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
पिछले पांच महीनों में अग्रिम मोर्चे पर तैनात डॉक्टरों और पुलिस कर्मियों समेत कई लोग ड्यूटी के दौरान संक्रमण की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं। अब तक सरकार कोविड योद्धाओं के मरने पर उनके परिजनों को दस लाख रुपये का मुआवजा देती रही है।
बुधवार को जारी आदेश में कहा गया, “अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों के साथ खड़े रहने के लिए राज्य सरकार ने पहले से ही कई कदम उठाए हैं। सरकार उनके इलाज का पूरा खर्च उठा रही है और दुर्भाग्य से उनकी मौत होने पर परिवार वालों को दस लाख रुपये का मुआवजा दिया जा रहा है। अब, यदि किसी कोविड योद्धा की मृत्यु होती है या वह शारीरिक रूप से अक्षम हो जाता है तो उसके परिवार को वित्तीय संकट से उबारने के लिए राज्य सरकार ने दिवंगत पर आश्रित व्यक्ति को रोजगार देने का निर्णय लिया है।” इस पहल के तहत लाभ लेने के लिए कुछ तय मानकों की पूर्ति करना जरूरी होगा।
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