नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो में चोरी की वारदात दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं। भीड़ भरे मेट्रो में किस तरह सफाई से आपकी जेब काट दी जाती है, आपको इस बात का अंदाजा भी नहीं होगा। इस चोरी की वारदात में पुरूष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी शामिल हैं। दिल्ली मेट्रो में चलाए अभियान के दौरान सेंट्रल इंड्रस्ट्रियल सिक्यॉरिटी फोर्स (CISF) ने पांच महिनों में तकरीबन 521 पॉकेटमारों को पकड़ा जिसमें यह बताया जा रहा है कि इन पॉकेटमारों में 90% महिलाएं शामिल हैं। ये भी पढ़ें: कैसे होता है भारत में राष्ट्रपति चुनाव, किसका है पलड़ा भारी, पढ़िए...
इस साल पकड़े गए जेबकतरों में महिलाओं की संख्या पुरूषों की संखया से चार गुना ज्यादा हैं। अधिकतर पॉकेटमार अपने चोरी के वारदात को सबसे भीड़ वाले स्टेशन जैसे राजीव चौक, कश्मीरी गेट, सेंट्रल सेक्रेटेरियट, चांदनी चौक, शाहदरा और हुडा सिटी सेंटर आदि पर अंजाम देते हैं। मिली जानकारी के अनुसार यह पता चला हैं कि पॉकिटमारी की वारदातें ज्यादातर इंटरचेंज वाले स्टेशनों पर देखने को मिलती हैं।
सीआईएसएफ के मुताबिक, हरेक रूट पर उसने अपने एंटी-थेफ्ट स्क्वॉड के जवानों को यूनिफॉर्म और सिविल में तैनात किया हैं ताकी चोरी होने पर तुरंत कार्यवाही की जाए और चोरी की वारदात को कम किया जा सकें। इतनी सिक्योरिटी के बाद भी मेट्रो में चोरी की घटना कम होते नजर नहीं आ रही। अधिकतर महिलाओं द्वारा इन घटनाओं को अनजाम दिया जाता हैं। सीआईएसएफ को अपनी सिक्योरिटी बढ़ा देनी चाहिए, मेट्रो के अंदर कैमरे लगाए जाने चाहिए ताकि भोले-भाले लोगों की जेब काटने वाले अपराधियों को पकड़ा जा सकें।
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आखिर भारत में इसे क्यों कहा जाता है ‘उड़ता ताबूत’?
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