हैदराबाद। तेलंगाना में एक जिला बार संघ ने यहां महिला पशु चिकित्सक के बलात्कार और हत्या मामले में चारों आरोपियों की पैरवी न करने का रविवार को फैसला लिया। रंगा रेड्डी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मट्टापल्ली श्रीनिवास ने कहा कि उन्होंने आरोपियों द्वारा किए जघन्य अपराध के खिलाफ नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी के तहत यह फैसला लिया है।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमने आरोपियों को कोई कानूनी सेवा न देने का फैसला किया। ऐसे मामलों में अदालत जिला विधि सेवा प्राधिकरण को उनके लिए वकील नियुक्त करने का निर्देश दे सकती है। जब प्राधिकरण किसी वकील को आरोपियों का प्रतिनिधित्व करने का निर्देश देगी तो हम इससे इनकार नहीं कर सकते।’’
श्रीनिवास ने कहा कि पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ जो मामला दर्ज किया है, उसकी कुछ धाराओं के तहत मौत की सजा हो सकती है। चारों आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376डी (सामूहिक दुष्कर्म), 302 (हत्या) और 201 (सबूत नष्ट करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
श्रीनिवास ने कहा कि संघ ने यह भी मांग की कि सरकार त्वरित न्याय के लिए मुकदमे की सुनवायी तेज करने के वास्ते अलग से विशेष अदालत बनाए। उन्होंने कहा कि वे ‘‘अमानवीय हमले की निंदा’’ करने के लिए अदालत के मुख्य प्रवेश द्वार पर दो दिसंबर को प्रदर्शन करेंगे।
एक सरकारी अस्पताल में सहायक पशु चिकित्सक महिला का झुलसा शव उसके लापता होने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार की सुबह शादनगर इलाके में पाया गया था। उसकी हत्या किए जाने से पहले उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। चारों आरोपियों को 29 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया गया था।
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