पंजाब। पंजाब के कई इलाकों में रोहिंग्या के होने की सूचना मिली है। बहुत से रोहिंग्या पंजाब के जिला मोहाली के डेराबस्सी, लालड़ू आदि क्षेत्रों में छिपे होने की सूचना मिली है। ये लोग यहां पर बने स्लॉटर हाउस में काम कर रहे हैं। मोहाली जिले के डेराबस्सी व लालडू के आसपास के क्षेत्रों में म्यांमार से आए रोहिंग्या शरणार्थियों की मौजूदगी ने सुरक्षा एजेंसियों को चौकस कर दिया है। वे उनकी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। अगर रोहिंग्या की संख्या बढ़ती है तो पंजाब की शांति और कानून-व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती होगा।
सुरक्षा एजेंसियों ने इन इलाकों में रोहिंग्याओं का पता लगाया
डेरा बस्सी के डी एस पी ने बताया कि रोहिंग्याओं के सफर पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया डेराबस्सी व लालडू को जोड़ने वाले गांवों में लगभग 60-70 रोहिंग्या परिवार रह रहे हैं। इन लोगों की संख्या लगभग 200 से 250 के लगभग बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि खेड़ी गुज्जरां, समगोली व जौल खुर्द ऐसे कई गांव ऐसे हैं, जहां सुरक्षा एजेंसियों ने रोहिंग्याओं का पता लगाया गया है। जांच में यह बात सामने आई है कि इनमें से बहुत से लोगों के पास संयुक्त राष्ट्र के हाई कमिश्नर ऑफ रिफ्यूजी (यूएनएचसीआर) के दफ्तर द्वारा मुहैया करवाए गए पहचान पत्र हैं।
रोहिंग्या मुसलमान बोले, समय-समय पर होती है जांच
पंजाब के जिला मोहाली के डेरा बस्सी के खेड़ी गुज्जरां और समगोली गांव में रहने वाले रोहिंग्या मुसलमानों ने कहा कि वह पिछले कई सालों से यहां पर रह रहे हैं और जो नजदीक में स्लॉटर हाउस है वहां पर काम कर रहे हैं। रोहिंग्या मुसलमानों ने कहा कि जो केंद्र सरकार द्वारा संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त कार्यालय (यूएनएचसीआर) कार्ड बनाया जाता है बकायदा उन्होंने वह कार्ड बनाया हुआ है साथ में उन्होंने कहा कि पुलिस और सीआईडी के अधिकारी समय-समय पर यहां पर आते रहते हैं और उनके आइडेंटिफिकेशन करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि इन गांव के अलावा पंजाब में उनके कोई रिश्तेदार नहीं रहते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में भी उनका कोई रिश्तेदार नहीं रहता है।
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