उत्तराधिकारी का कोई बड़ा मामला नहीं है, जो फैसला लिया जाएगा वही मानेंगे- बलबीर गिरि
महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य बलबीर गिरि ने इंडिया टीवी के साथ खास बातचीत में कहा कि जो दोषी है उसे कड़ी सजा मिले। उत्तराधिकारी का कोई बड़ा मामला नहीं है। जो फैसला लिया जाएगा वही मानेंगे। जिसने पाप किया उसे सजा मिलनी चाहिए।
लखनऊ/प्रयागराज: महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य बलबीर गिरि ने इंडिया टीवी के साथ खास बातचीत में कहा कि जो दोषी है उसे कड़ी सजा मिले। उत्तराधिकारी का कोई बड़ा मामला नहीं है। जो फैसला लिया जाएगा वही मानेंगे। जिसने पाप किया उसे सजा मिलनी चाहिए। बता दें कि, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत मामले की जांच चल रही है। यूपी सरकार ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है।
बुधवार दोपहर 12 बजे होगा दिवंगत महंत नरेंद्र गिरी का भू-समाधि कार्यक्रम
बुधवार सुबह 8 बजे दिवंगत महंत नरेंद्र गिरी का पोस्टमॉर्टम होगा जबकि 12 बजे भू-समाधि कार्यक्रम किया जाएगा। महंत नरेंद्र गिरी का भू-समाधि कार्यक्रम श्री बाघम्बरी मठ में किया जाएगा। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, महंत नरेंद्र गिरी के फोन में suicide से पहले का वीडियो मिला है। करीब 1 मिनट का वीडियो है, उसमें उन्होंने suicide नोट में कही बातों को endorse किया है। आत्महत्या की बात भी कही है और तीनों आरोपियों को ही जिम्मेदार ठहराया है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत मामले में तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। इंडिया टीवी को मंगलवार को महंत नरेंद्र गिरि का सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने अपने शिष्य आनंद गिरी के साथ-साथ लेटे हुए हनुमान जी के मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को आत्महत्या को उकसाने के लिए जिम्मेदार बताया है। अपने सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरी ने बाघम्बरी मठ के अपने उत्तराधिकारी के नाम का भी ऐलान किया।
‘बलबीर गिरी, तुम बड़े हनुमान मंदिर और मठ बाघम्बरी के महंत बनोगे’
महंत नरेंद्र गिरी ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है, ‘बलबीर गिरि मेरी समाधि पार्क में नींबू के पेड़ के पास दी जाए, यह मेरी अंतिम इच्छा है। धनंजय विद्यार्थी, मेरे कमरे की चाबी बलबीर महाराज को दे देना। प्रिय बलबीर गिरी, ओम नमो नारायण, मैंने तुम्हारे नाम एक रजिस्टर वसीयत की है। बलवीर गिरि, तुम बड़े हनुमान मंदिर और मठ बाघम्बरी के महंत बनोगे। तुमरे मेरा एक अनुरोध है कि मेरी सेवा में लगे विद्यार्थियों पर ध्यान देना, जिस तरह से मेरे समय में रहे हैं उसी तरह तुम्हारी सेवा में रहेंगे।’
‘सभी विद्यार्थियों को निर्देश है कि बलबीर महाराज का सम्मान करना’
अपने सुसाइड नोट में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने लिखा है, ‘सभी विद्यार्थियों को निर्देश है कि बलबीर महाराज का सम्मान करना। वैसे हमें सभी विद्यार्थी प्रिय हैं, मनीष शुक्ला, शिवम मिश्रा, अभिषेक मिश्रा अति प्रिय हैं। मुझे जब कोरोना हुआ मेरी सेवा सुमित तिवारी ने की। मंदिर में फूल की दुकान को सुमित तिवारी के नाम रजिस्टर की है।’
बलवीर गिरि महंत नरेंद्र गिरी के करीब 15 साल पुराने शिष्य हैं
पुलिस को मौके पर मिले सुसाइड नोट में भी नरेंद्र गिरी ने बलवीर गिरि को अपना उत्तराधिकारी बनाए जाने की बात कही गई है। साथ ही अखाड़े के पदाधिकारियों से उनको सहयोग करने के लिए कहा गया है। बलवीर गिरि महंत नरेंद्र गिरी के करीब 15 साल पुराने शिष्य हैं। महंत नरेंद्र गिरी ने उन्हें हरिद्वार आश्रम का प्रभारी बनाया था। महंत ने अपनी वसीयत में बलवीर गिरी को उत्तराधिकारी घोषित किया है। आनंद गिरी और बलवीर गिरी दोनों तकरीबन एक ही समय में महंत नरेंद्र गिरी के शिष्य बने थे, लेकिन बलवीर सबसे प्रिय शिष्यों में एक थे।
पंच परमेश्वरों की बैठक बुधवार को होगी
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष मंहत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद अध्यक्ष पद खाली हो गया है। ऐसे में बुधवार को पंच परमेश्वरों की महत्त्वपूर्ण बैठक होगी। यह बैठक प्रयागराज के जूना अखाड़े में होगी। अखाड़ा परिषद के इस बैठक में महंत हरी गिरी को अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव रखा जा सकता है। बुधवार दोपहर करीब 12:00 बजे तक बैठक में अध्यक्ष पद पर फैसला हो सकता है।
उत्तराखंड के रहने वाले हैं बलवीर
बलवीर मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं। वह 2005 में वो संत बने थे। बता दें कि आनंद गिरि के निष्कासन के बाद बलवीर ही नंबर दो की हैसियत रखते थे। सीएम योगी आदित्यनाथ के आने पर बलवीर ही उनके ठीक बगल में बैठे थे। अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद और पंच परमेश्वर ने भी आज बलवीर गिरी को अपना आशीर्वाद दिया है।