नई दिल्ली. कोरोना के हालातों के बीच राज्य में बकरीद मनाने के लिए प्रतिबंधों में ढील देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि केरल सरकार ने लॉकडाउन के नियमों में ढील देने की व्यापारियों की मांग को मान लिया है। शीर्ष अदालत ने व्यापारियों के दबाव में बकरीद से पहले ढील देने के लिए केरल सरकार को फटकार लगाई और कहा कि यह "माफी योग्य" नहीं है।
न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने कहा कि केरल सरकार ने बकरीद के अवसर पर पाबंदियों में इस तरह की छूट देकर देश के नागरिकों के लिए राष्ट्रव्यापी महामारी के जोखिम को बढ़ा दिया है। पीठ ने कहा, "हम केरल सरकार को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निहित जीवन के अधिकार पर ध्यान देने का निर्देश देते हैं।"
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दबाव में आकर किसी की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर बकरीद पर छूट की वजह से कोरोना फैला तो कड़ी कार्रवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर बकरीद के कारण केरल सरकार द्वारा लॉकडाउन में ढील के कारण कोविड संक्रमण फैलता है, तो कोई भी व्यक्ति इसे अदालत के संज्ञान में ला सकता है जो उचित कार्रवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी तरह का दबाव भारत के नागरिकों के जीवन के अधिकार के सबसे कीमती अधिकार का उल्लंघन नहीं कर सकता है। अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो कोई भी इसे हमारे संज्ञान में ला सकता है और उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
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