ईटानगर। अरुणाचल प्रदेश के पर्वतों पर दुर्घटनाग्रस्त हुए भारतीय वायु सेना के विमान में सवार 13 सैन्यकर्मियों के पार्थिव शरीर लाने के प्रयास शनिवार को खराब मौसम के कारण बाधित हुए। शिलॉन्ग स्थित वायुसेना के प्रवक्ता रत्नाकर सिंह ने बताया कि शनिवार सुबह शुरू हुए बचाव अभियान में दुर्घटनास्थल पर खराब मौसम के कारण कोई प्रगति नहीं हुई। चीता और एएलएच हेलीकॉप्टर तैयार रखे गए हैं और वे मौसम ठीक होने के बाद अभियान शुरू करने का इंतजार कर रहे हैं।
प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि अभी इलाके में कम ऊंचाई पर बादल हैं और बारिश हो रही है। वायुसेना सैन्यकर्मियों के पार्थिव शरीर हासिल करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि वायुसेना के कर्मी उनके परिवार के साथ लगातार संपर्क में हैं और उन्हें बचाव अभियान के बारे में नियमित जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बचाव टीम के सामने आ रही चुनौतियों के बारे में जानकारी दी।
बचाव टीम ने शुक्रवार को रूसी एएन-32 विमान का कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) और विमान डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) बरामद किया। विमान तीन जून को असम के जोरहाट से चीनी सीमा के समीप अरुणाचल प्रदेश के मेनचुका जा रहा था और उड़ान भरने के करीब आधे घंटे बाद उसका संपर्क टूट गया।
वायुसेना के एक विमान ने मंगलवार को विमान का मलबा सियांग और शी-योमी जिलों की सीमा के समीप 12,000 फुट की ऊंचाई पर मिला। दुर्घटनास्थल पर बुधवार को लोगों के जीवित बचे होने की संभावना की तलाश में 15 सदस्यीय बचावकर्ताओं को भेजा और उनमें से आठ बृहस्पतिवार को सुबह उस स्थान पर पहुंचे।
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