नयी दिल्ली: संवदेनशील अयोध्या मामले में फैसला सुनाने वाले उच्चतम न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की सुरक्षा में तैनात जवानों की संख्या बढ़ा दी गई है, उनके आवास के पास अवरोधक लगाए गए हैं और सचल सुरक्षा दस्तों की तैनाती की गई है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शनिवार को सदी पुराने विवाद पर फैसला देने के बाद ही प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, अगले प्रधान न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नज़ीर की सुरक्षा बढ़ा दी गई।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘माननीय न्यायाधीशों की सुरक्षा एहतियातन बढ़ाई गई है। हालांकि, उनको खतरा होने की कोई विशेष जानकारी नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सुरक्षा मानक के तहत अतिरिक्त जवानों की तैनाती न्यायाधीशों के आवास पर की गई है और उनके घरों को जाने वाली सड़कों पर अवरोध लगाए गए हैं। इससे पहले न्यायाधीशों के आवास पर पहरेदार थे और स्थिर सुरक्षा दी गई थी।
अधिकारी ने कहा, ‘‘अब सुरक्षा में सचल हिस्से को जोड़ा गया है। अब प्रत्येक न्यायाधीश के वाहन के साथ एस्कॉर्ट (अनुरक्षक) वाहन चलेंगे जिनमें सशस्त्र सुरक्षाकर्मी होंगे। एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘यह व्यवस्था पूरी तरह से एहतियाती है।’’ उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने अयोध्या विवाद पर शनिवार को एकमत से फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ कर दिया और सरकार को मुस्लिम पक्ष के लिए हिंदुओं के पवित्र शहर में ही वैकल्पिक स्थान पर पांच एकड़ जमीन मस्जिद बनाने के लिए आवंटित करने का आदेश दिया।
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