नई दिल्ली: अयोध्या जमीन विवाद केस में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट को चीफ जस्टिस से कहा है कि वह 10 दिनों के अंदर नए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करें। पिछले कुछ महीनों से विभिन्न पक्षों ने अयोध्या की विवादित जमीन दावा किया है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आदेश दिया था कि अयोध्या का 2.77 एकड़ का विवादित इलाके तो तीन भागों में बांटकर सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्माही अखाड़ा और रामलला को सौंप दी जाए।
21 अगस्त को उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने कहा था कि बाबर की सेना के कमांडर मीर बाकी ने 16वीं शताब्दी में मंदिरों के बीच एक मस्जिद का निर्माण करके हिंदुओं और मुसलमानों की बीच एक कलह पैदा कर दिया। शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने एक बयान में कहा, ' मीर बाकी बाबर की सेना का कमांडर था। वह एक शिया था और उसने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच कलह के बीज बोने के लिे 1528-29 में मंदिरों के बीच मस्जिद का निर्माण कराया था।'
आईएएनएस के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट 5 दिसंबर से बगैर किसी स्थगन के इस केस की लगातार सुनवाई करेगा। जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भान और जस्टिस अब्दुल नसीर की बेंच ने संबंधित पक्षों से कहा है कि वह अपने दस्तावेजों को 12 हफ्ते के अंदर अंग्रेजी में ट्रांसलेट करा लें। ये दस्तावेज 8 विभिन्न भाषाओं में हैं।
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