नई दिल्ली। पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि अयोध्या राम की जन्मभूमि इस पर कोई विवाद नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की फाइडिंग को सही बताया है कि 22-23 दिसंबर, 1949 की रात को मस्जिद के गुंबद के नीचे राम लला की मूर्तियां रखी गई थीं। हालांकि एएसआई ये साबित करने में नाकाम रही कि राम लला के मंदिर को तोड़कर मसजिद बनाई गई। 1855 से पहले हिंदुओ के पास चबूतरे पर अधिकार था। ढांचा के नीचे कुछ होने भर से मालिकाना विवाद साबित नहीं होता।
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