अयोध्या मामला: सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश के कार्यकाल का विस्तार
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। आइए, जानते हैं इस केस से जुड़े लाइव अपडेट्स...
नई दिल्ली: अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज 23वें दिन भी जारी है। फिलहाल मुस्लिम पक्ष के वकील अदालत के सामने अपनी दलीलें रख रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सितंबर, 2010 के अपने फैसले में अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में 2.77 एकड़ की विवादित भूमि को ‘राम लला’, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर सुनवाई कर रही है। आइए, जानते हैं इस सुनवाई से जुड़े पल-पल के अपडेट्स के बारे में:
Live updates : Ayodhya Case Hearing Supreme Court Live Updates
- September 13, 2019 12:07 PM (IST)
जिलानी: मुस्लिम पक्ष की तरफ से ऐसे कोई दस्तावेज नहीं है जो यह बताते हैं कि वहां शुक्रवार को नमाज अदा होती थी। रोज नमाज अदा करने के लिए वहां जानेमाज और चटाई पड़ी रहती थी जो कि इमाम के लिए थी, बाकी नमाजियों के लिए चटाई लाई जाती थी। उस वक्त अयोध्या में सिर्फ 2 मस्जिदें थीं जहां शुक्रवार को भारी संख्या में मुसलमान नमाज अदा करते थे। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वहां रोज नमाज अदा नहीं होती थी। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्र नेता और एक पूर्व सांसद का बयान इसकी पुष्टि करता है।
- September 13, 2019 12:06 PM (IST)
जिलानी: 1949 तक उस जगह पर नमाज अदा की गई थी।
जस्टिस चंद्रचूड़: दस्तावेज तो ये बताते हैं कि सिर्फ शुक्रवार को ही नमाझ अदा की जाती थी। - September 13, 2019 12:06 PM (IST)
जिलानी: 1934 और 1949 के बीच के कोई ऐसे दस्तावेज नहीं हैं जो यह साबित करते हैं कि उस जगह को मस्जिद नहीं बल्कि मन्दिर की तरह इस्तेमाल किया जाता था।
- September 13, 2019 12:05 PM (IST)
5 वक्त की अजान करने और नमाज अदा करने के लिए एक पाश-ए-इमाम की नियुक्ति की गई थी जिसके लिए उसे 5 रुपये की तनख्वाह दी जाती थी, जिससे यह साबित होता है कि वहां एक मस्जिद थी।
- September 13, 2019 11:22 AM (IST)
जिलानी: मुसलमानों को इमारत के अंदर जाने की इजाजत दी गई थी। ये नहीं कहा जा सकता कि इमारत को मस्जिद के अलावा किसी और मकसद के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
- September 13, 2019 11:21 AM (IST)
जफरयाब जिलानी ने 1942 के एक केस का जिक्र करते हुए कहा कि विवादित जमीन की पहचान मस्जिद के रूप में ही हुई थी।
- September 13, 2019 11:21 AM (IST)
जिलानी: राजीव धवन द्वारा जो भी बाहरी हिस्से के बारे में कहा गया है उसमें कोई विवाद नहीं होना चाहिए। राजीव धवन ने कहा कि निर्मोही अखाड़ा विवादित जमीन के बाहरी हिस्से में पूजा करता था।
- September 13, 2019 11:20 AM (IST)
सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि मस्जिद की एक बाद सफाई हो जाए तो वहां दोबारा नमाज पढ़ी जा सकती है। 1943 अयोध्या में हुए दंगे के कुछ महीने बाद मस्जिद में दोबारा नमाज पढ़ने की इजाजत दे दी गई थी, यह नहीं कहा जा सकता है वहा पर नमाज नहीं पढ़ी गई।
- September 13, 2019 10:56 AM (IST)
सुन्नी वक्फ बोर्ड और मूल याचिकाकर्ता एम. सिद्दीक सहित अन्य की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने यह कहते हुए हलफनामे का विरोध किया कि मुस्लिमों ने इसलिए नमाज नहीं पढ़ी क्योंकि उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी गई।
- September 13, 2019 10:56 AM (IST)
आपको बता दें कि हिंदू संगठन ने कहा था कि पुलिस संरक्षण में शुक्रवार की नमाज पढ़ना अखाड़ा के कब्जे की कानूनी प्रकृति में बदलाव नहीं लाएगा और इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता कि हिंदुओं और मुस्लिमों दोनों का ‘संयुक्त कब्जा’ था।
- September 13, 2019 10:55 AM (IST)
मुस्लिम संगठनों ने कल कहा था कि अवैध कार्यों के लाभ हासिल नहीं किए जा सकते हैं। अखाड़ा ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ को कहा था कि कब्जा ‘पूरी तरह उसका’ है क्योंकि 1934 के दंगों के बाद 1949 तक मुस्लिमों को केवल शुक्रवार की नमाज पढ़ने की इजाजत थी और वह भी पुलिस संरक्षण में।
- September 13, 2019 10:55 AM (IST)
सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम संगठनों ने गुरुवार को निर्मोही अखाड़े के इस दावे को खारिज कर दिया था कि अयोध्या में विवादित स्थल पर मुस्लिमों का वैध मालिकाना हक नहीं हो सकता है क्योंकि उन्होंने 1934 से 1949 तक वहां नियमित नमाज नहीं पढ़ी।
- September 13, 2019 10:54 AM (IST)
अयोध्या मामले पर 23वें दिन की सुनवाई जारी है। मुस्लिम पक्ष की तरफ से ज़फरयाब जिलानी अपनी दलीलें पेश कर रहे हैं। राजीव धवन ने हफ्ते में एक दिन का ब्रेक मांगा था, इसलिए वह अब सोमवार को जिरह करेंगे।