अयोध्या सुनवाई LIVE: मुस्लिम पक्ष के वकील दे रहे हैं दलीलें, जानें पल-पल के अपडेट्स
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। आइए, जानते हैं इस केस से जुड़े लाइव अपडेट्स...
नई दिल्ली: अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की आज भी सुनवाई जारी है। सुनवाई के दौरान वकील अपनी-अपनी दलीलें जजों की बेंच के सामने रख रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सितंबर, 2010 के अपने फैसले में अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में 2.77 एकड़ की विवादित भूमि को ‘राम लला’, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर सुनवाई कर रही है। आइए, जानते हैं इस सुनवाई से जुड़े पल-पल के अपडेट्स के बारे में:
Live updates : Ayodhya Case Hearing Supreme Court Live Updates
- September 02, 2019 1:38 PM (IST)
धवन: 1939 में आप एक मस्जिद तोड़ते हैं, 1949 में आप घुसपैठ करते हैं और एक मूर्ति रख देते हैं। 1992 में आप मस्जिद को नष्ट कर देते हैं। निष्पक्षता के किस कानून में उनके (अखाड़ा) अधिकार सुरक्षित रह सकते हैं?
- September 02, 2019 1:37 PM (IST)
धवन: मैं यह नहीं कह रहा कि मूर्ति पूजा ज़रूरी नहीं है। लेकिन क्योंकि परिक्रमा की जाती है इसका मतलब ये नहीं कि यह स्वयंभू नहीं बन जाती। मैं आपको निर्मोही अखाड़ा के एक पेज को दिखाना चाहता हूं क्योंकि आपने उन्हें जवाब देने का विकल्प दिया था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। अब क्योंकि इसका जवाब नहीं दिया गया है इसलिए हमें इसे इंटरप्रेट करना चाहिए।
- September 02, 2019 1:36 PM (IST)
धवन: एक बार यह घोषणा कर दी जाए कि यह प्रोपर्टी वक्फ है या वक्फ को समर्पित है, तो इसका स्वामित्व ईश्वर को सौंप दिया जाएगा। राजीव धवन संस्कृत के कुछ छंद पढ़ रहे हैं और संस्कृत भाषा की खूबसूरती की तारीफ कर रहे हैं।
- September 02, 2019 1:36 PM (IST)
धवन: 14 अगस्त की बहस से 2 सवाल सामने आते हैं। पहला कि मिस्टर वैद्यनाथन ने कहा था कि इतिहास को यूरोपियन नज़र से समझना चाहिए और दूसरा जस्टिस चंद्रचूड़ का ये पूछना की क्या इसका कोई ऐतिहासिक सबूत है।
जस्टिस चंद्रचूड़: आप भी ऐतिहासिक सबमिशंस पर निर्भर हैं। दोनों पक्ष इसी पर निर्भर हैं।
धवन: आप बिलकुल सही कह रहे हैं।
- September 02, 2019 1:35 PM (IST)
धवन: ASI के सामने ये सवाल था कि विवादित ज़मीन पर एक मंदिर था जिसे मस्जिद बनाने के लिए तोड़ा गया। करीब 100 से ज़्यादा सालों के बाद इस कोर्ट के लिए यह सही नहीं होगा कि 2 समुदायों के बीच एक सिविल डिस्प्यूट को पर फैसला करने के लिए एक विजेता द्वारा जिन कानूनों का पालन किया गया उसी का पालन करते हुए फैसला किया जाए।
- September 02, 2019 1:34 PM (IST)
धवन: जस्टिस अग्रवाल ने अपने अनुमान और सम्भावनाओं के आधार पर मन्दिर के अस्तित्व पर अपनी फाइंडिंग्स दी हैं। जजमेंट की कार्यप्रणाली की ये समस्याएं हैं। गज़ेटियर ने शुरुआत में क्या कहा है? उसने कहा है कि ये गैज़ेट उन्हें इसलिए तैयार करने के लिए दिया गया ताकि ब्रिटिश लोगों को जानकारी दे सकें। क्या हम 1858 से पहले के गज़ेटियर पर भरोसा कर सकते हैं?
- September 02, 2019 12:01 PM (IST)
धवन: हुकुमचंद केस के में जैन समुदाय का विश्वास पवित्र पहाड़ी के संबंध में भिन्न था। उन्होंने कहा था आपने एक शरीर के कुछ हिस्सों को वहां रखा है और हम शरीर की पूजा नहीं करते। मूर्तियों को रखने के सम्बंध में श्वेतांबरों और दिगम्बरों के बीच में भी मतभेद थे।
- September 02, 2019 12:01 PM (IST)
धवन: जब 3 गवाहो से ये पूछा गया कि उन्होंने विवादित ज़मीन पर क्या पढ़ा तो उन्होंने कहा 'अल्लाह'। शहीदगंज केस में भी यह देखा गया था कि मुद्दई को यह साबित करना पड़ा था कि अधिकार किसका है।
- September 02, 2019 11:40 AM (IST)
धवन: मिस्टर मिश्रा ने 2 चीजों के बारे में बहस की, पहला क्योंकि उनकी उनकी दलीलों को हाई कोर्ट ने रिजेक्ट कर दिया था। उन्होंने हाई कोर्ट के सामने फाइंडिंग्स की बजाय अपने ही आर्ग्युमेंट्स के 34 पेज पढ़ दिए। इसके बाद उन्होंने कहा कि देखिये बेंच ने उनके आर्ग्युमेंट्स के साथ क्या किया, इसे बदला जाए। इस मामले में हम कौन-सा कानून लागू करेंगे। क्या हम ये पूछेंगे कि ये बाबर ने किया था या नहीं।
- September 02, 2019 11:30 AM (IST)
धवन: इससे पहले पंडित सबूत देने के लिए कोर्ट में आते थे और उन्हें रिश्वत दी होती थी। 1859 में पंडितों को सबूत के तौर पर पेश करने की बजाय शास्त्रों पर निर्भर किया जाने लगा।
- September 02, 2019 11:30 AM (IST)
धवन ने कहा कि जो इस देश का कानून है वही इस मामले पर भी लागू होता है। वह बेंच को 18वीं शताब्दी के गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ऐक्ट से शुरुआत करते हुए न्याय, निष्पक्षता और अच्छे विवेक आदि के विभिन्न नियमों के बारे में बता रहे हैं।
- September 02, 2019 11:17 AM (IST)
धवन: परिक्रमा प्रार्थना करने का एक तरीका है, कोई सबूत नहीं है, और जो मैप है उसमें मुझे कोई परिक्रमा दिखाई नहीं दे रही।
- September 02, 2019 11:17 AM (IST)
धवन: मेरे मित्र वैद्यनाथन ने कहा कि कुओं आदि को मान्यता दी गई थी। उन्हें मान्यता दी गई थी क्योंकि उनकी जरूरत थी, लेकिन स्वयंभू का सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि पहली बार इसे 1989 में उठाया गया था।
- September 02, 2019 11:17 AM (IST)
राजीव धवन: पहला सवाल है कौन, किसने, दूसरा सवाल है क्या और कहां, तीसरा सवाल है की कब उर कैसे हासिल किया, किस आधार पर ये अधिकार मिलता है और चौथा की कब ये खत्म हुए।
- September 02, 2019 11:16 AM (IST)
राजीव धवन: शासन परिवर्तन पर मिस्टर मिश्रा ने यह तर्क दिया है कि जब दारुल इस्लाम था तब शासन परिवर्तन हुआ था। मैं पूछना चाहता हूँ कि हमें विरासत में क्या कानून मिला है। जो कानून निर्देशित किया गया है वह न्याय, निष्पक्षता और अच्छे विवेक पर आधारित है।
- September 02, 2019 11:06 AM (IST)
धवन ने कहा, पहले मैं अपनी सबमिशन करूंगा और मेरे बाद मिस्टर जिलानी अपनी दलीलें पेश करेंगे। मुस्लिम पक्ष के वकील धवन ने कोर्ट से पूछा कि क्या वह हफ्ते के बीच में बुधवार को एक दिन का ब्रेक ले सकते हैं। इस पर सीजेआई ने कहा कि वह शुक्रवार को ब्रेक ले लें, यह ज्यादा सुविधाजनक होगा।
- September 02, 2019 11:03 AM (IST)
मुस्लिम पक्ष की तरफ से राजीव धवन ने अपनी दलीलें शुरू की। धवन ने कहा, मैं माफी चाहता हूं कि मैंने मीडिया में जो कॉमेंट्स किए। मैं मिस्टर मिश्रा से माफी मांगना चाहता हूं कि जब उनकी दलीलें चल रही थी मैनें उन्हें इंटरप्ट किया। ये सब जानते हैं कि मैं थोड़ा इरिटेटिंग हो सकता हूं।
- September 02, 2019 10:48 AM (IST)
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में शुरू हुई सुनवाई। कपिल सिब्बल ने वकील राजीव धवन को मिले धमकी भरे पत्र को मेंशन किया। उन्होंने इसे अदालत की अवमानना बताते हुए मामले की जल्द सुनवाई की मांग की। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा है कि वह इस मामले को कल देखेंगे।
- September 02, 2019 9:04 AM (IST)
गौरतलब है कि धवन ने पहले कहा था कि वह अपनी दलीलों के लिए 20 दिन का समय लेंगे। अगर धवन इतना समय लेते भी हैं तब भी सुप्रीम कोर्ट के पास एक महीने से ज्यादा का समय फैसला लेने के लिए बचेगा।
- September 02, 2019 9:03 AM (IST)
सुन्नी वक्फ बोर्ड के वरिष्ठ वकील राजीव धवन सोमवार से निर्मोही अखाड़ा और रामलला विराजमान (देवता और उनका जन्म स्थान) के वकीलों की तरफ से पेश की गई दलीलों का जवाब अदालत में रखेंगे।
- September 02, 2019 9:03 AM (IST)
आपको बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में कोर्ट के गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि बेंच सीजेआई के रिटायर होने से पहले ही फैसला सुना सकता है।
- September 02, 2019 9:02 AM (IST)
राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील इस मामले पर नवंबर में अंतिम फैसला आने की संभावना बढ़ गई है। मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 6 अगस्त से शुरू हुई थी।
- September 02, 2019 9:01 AM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सभी हिंदू पक्ष की सुनवाई 16 दिनों में पूरी कर ली है, जिसमें निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान शामिल हैं।
- September 02, 2019 9:01 AM (IST)
अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में हिंदू पक्ष की तरफ से दलीलें पूरी होने के बाद अब आज से सुप्रीम कोर्ट मुस्लिम पक्षकारों की दलीलें सुनेगा।