अयोध्या सुनवाई LIVE: 'मस्जिद गिरने के बाद नमाज हो गई थी बंद, पर पूजा जारी रही'
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। आइए, जानते हैं इस केस से जुड़े लाइव अपडेट्स...
नई दिल्ली: अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में लगातार जारी है। सुनवाई के दौरान वकील अपनी-अपनी दलीलें जजों की बेंच के सामने रख रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सितंबर, 2010 के अपने फैसले में अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में 2.77 एकड़ की विवादित भूमि को ‘राम लला’, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर सुनवाई कर रही है। आइए, जानते हैं इस सुनवाई से जुड़े पल-पल के अपडेट्स के बारे में:
Live updates : Ayodhya Case Supreme Court Hearing Updates
- August 22, 2019 12:38 PM (IST)
जस्टिस बोबड़े ने पूछा, 'सिर्फ इतना ही? कोई भी कोर्ट ये नहीं कह सकती कि इस एफीडेविट के तथ्य सही हैं?' जवाब में रंजीत कुमार ने कहा, 'लेकिन यदि कोई शख्स इस तरह का एफीडेविट देता है और बयान का विरोध नहीं करता है तो इसे माना जा सकता है।'
- August 22, 2019 12:36 PM (IST)
बेंच ने पूछा कि एफीडेविट में लिखी बातों की सत्यता जानने के लिए क्या इन मुसलमानों का क्रॉस एग्जामिनेशन करवाया गया था? जवाब में रंजीत कुमार ने कहा, 'उनका क्रॉस एग्जामिनेशन नहीं किया गया, लेकिन वह लोग खुद सामने आए थे और उन्होंने बयान दिया था। इनके बयान 3 अखबारों में प्रकाशित हुए थे। इस एफीडेविट में ये बताया गया है कि वे उसी जगह के रहने वाले हैं और उनमें से किसी ने इस बयान का विरोध नहीं किया था।'
- August 22, 2019 12:35 PM (IST)
शिकायत में ये भी कहा गया है कि उस सिख को कोर्ट के ऑर्डर के बारे में जानकारी दी गयी थी लेकिन उस फकीर ने कहा कि ये सारी जगह निरंकार की है और वह वहां से नहीं जाएगा। उस फकीर को चलान दिया गया था।
- August 22, 2019 12:33 PM (IST)
रंजीत कुमार नवंबर 1958 के पहले दस्तावेज का ज़िक्र कर रहे हैं जो कि एक सिख निहंत सिंह फकीर के खिलाफ शिकायत है जिसने मस्जिद में प्रवेश करके वहां गुरु गोविंद सिंह जी की पूजा की थी और देवता की स्थापना की थी।
- August 22, 2019 12:33 PM (IST)
मुसलमानों ने अपने हलफनामों में कहा है कि उन्हें इसमें कोई आपत्ति नहीं है कि विवादित जमीन को अगर हिंदुओं को दे दिया जाता है, क्योंकि विवादित जमीन पर मुसलमानों ने 1935 के बाद से नमाज अदा नहीं की है, इसलिए ये जगह उनके लिए अब कोई महत्व नहीं रखती।
- August 22, 2019 12:32 PM (IST)
रंजीत कुमार ने अयोध्या मामले में दायर कुल 20 हलफनामों की प्रति कोर्ट के सामने पेश की। इनमें से कुछ हलफनामे मुस्लिमों द्वारा दायर किए गए थे।
- August 22, 2019 11:51 AM (IST)
रंजीत कुमार ने 1950 में फरीदाबाद डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के मजिस्ट्रेट के सामने सुनवाई में कुछ मुसलमानों द्वारा फाइल किये गए एफीडेविट का ज़िक्र किया जिसमें ये कहा गया है कि उस जगह पर एक मंदिर था और मस्जिद बनाने के लिए इसे तोड़ा गया था।
- August 22, 2019 11:51 AM (IST)
मस्जिद गिरने के बाद मुसलमानों ने वहां नमाज़ पढ़ना छोड़ दिया लेकिन हिंदुओं ने वहां पूजा करना जारी रखा।
- August 22, 2019 11:50 AM (IST)
रंजीत कुमार ने एक एफिडेविट का ज़िक्र किया जिसे अब्दुल गनी ने फाइल किया था। इसमें लिखा है कि मस्जिद राम मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी, लेकिन मस्जिद के निर्माण के बावजूद हिंदुओं ने वहां पूजा करना नहीं छोड़ा और वे वहां मूर्ति पूजा भी कर रहे थे।
- August 22, 2019 10:55 AM (IST)
मैं एडवोकेट परासरन और वैद्यनाथन की सबमिशन के रेफरेन्स से अपनी सबमिशन दूंगा कि वह स्थान अपने आप में एक दिव्य स्थान है और एक श्रद्धालु होने के नाते मेरा प्रार्थना करने का अधिकार जो कि मेरा नैतिक अधिकार है उसका हनन नहीं किया जा सकता। भगवान राम के जन्मस्थान के अलावा मैं वहां प्रार्थना करने के अपने अधिकार की भी मांग करता हूं: रंजीत कुमार
- August 22, 2019 10:54 AM (IST)
अयोध्या मामले पर 10वें दिन की सुनवाई कोर्ट में चल रही है। इससे जुड़े अपडेट्स के बारे में जानने के लिए हमारे साथ बने रहें।
- August 22, 2019 9:56 AM (IST)
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली 5 सदस्यीय पीठ आज नौवें दिन मालिकाना विवाद मामले में सुनवाई कर रही थी। वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन ने पीठ से कहा कि न तो निर्मोही अखाड़ा और न ही मुस्लिम पक्ष प्रतिकूल कब्जा के कानूनी सिद्धांत के तहत अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि पर स्वामित्व अधिकार का दावा कर सकते हैं।
- August 22, 2019 9:56 AM (IST)
दशकों पुराने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में पक्षकारों में से एक ‘राम लला विराजमान’ ने कहा कि हिन्दुओं ने ‘जन्मस्थान’ पर हमेशा से पूजा-अर्चना के अपने अधिकार का इस्तेमाल और दावा किया है।
- August 22, 2019 9:56 AM (IST)
राम लला की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन ने उच्चतम न्यायालय से बुधवार को कहा कि अयोध्या में भगवान राम का जन्मस्थल अपने आप में एक देवता है और कोई भी महज मस्जिद जैसा ढांचा खड़ा कर इस पर मालिकाना हक का दावा नहीं कर सकता।