पीएम मोदी 3 अक्टूबर को रोहतांग में अटल सुरंग का उद्घाटन कर सकते है
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोहतांग में लेह-मनाली राजमार्ग पर अटल सुरंग का तीन अक्टूबर को उद्घाटन कर सकते हैं।
शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोहतांग में लेह-मनाली राजमार्ग पर अटल सुरंग का तीन अक्टूबर को उद्घाटन कर सकते हैं। ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री के संभावित कार्यक्रम के मुताबिक, वह सुरंग का उद्घाटन करने के लिए तीन अक्टूबर को मनाली आएंगे तथा लाहौल की यात्रा करेंगे। मीडियाकर्मियों के साथ अनौपचारिक बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी इस बात पर फैसला नहीं हुआ है कि क्या प्रधानमंत्री उस दिन लाहौल में जनसभा को संबोधित करेंगे या नहीं।
हिमाचल प्रदेश में अत्यधिक ऊंचाई पर स्थित दुनिया की सबसे लंबी सुरंग बनकर तैयार
हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले में मनाली-लेह राजमार्ग पर अत्यधिक ऊंचाई पर स्थित दुनिया की सबसे लंबी सुरंग बन कर तैयार हो गई है। सीमा सड़क संगठन (बीआओ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को इस बारे में बताया। बीआरओ के मुख्य इंजीनियर ब्रिगेडियर के पी पुरूषोत्तमन ने बताया कि लाहौल स्पीति के रोहतांग में समुद्र तल से 10,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित नौ किलोमीटर लंबी अटल सुरंग का आगामी सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा औपचारिक रूप से 3 अक्टूबर को उद्घाटन किए जाने की संभावना है।
उन्होंने बताया, ‘‘हम 25 सितंबर के बाद कभी भी इसे खोलने के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री संभवत: इस महीने के अंतिम सप्ताह में या अगले महीने के पहले सप्ताह में इसका उद्घाटन करेंगे। ’’ उन्होंने कहा कि इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं की गई है, अगले कुछ दिनों में यह मिल जाएगी। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि कोरोना वायरस संकट के कारण क्या डिजिटल तरीके से इसका उद्घाटन होगा।
करीब 3,500 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित अटल सुरंग रक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है । राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि इससे मनाली और लेह के बीच दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी। साथ ही लाहौल-स्पीति के निवासियों को सर्दियों में इससे बहुत फायदा होगा। उन्होंने बताया कि सुरंग के खुलने से हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति और लेह-लद्दाख के बीच हर मौसम में सुचारू रहने वाला मार्ग मिल जाएगा। सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण छह महीने तक इस हिस्से का देश के शेष भाग से संपर्क टूट जाता है।