वाजपेयी के लिए सर्वदलीय प्रार्थना सभा: आडवाणी बोले- मैंने कभी सोचा नहीं था कि मुझे इस तरह की बैठक को संबोधित करना होगा जिसमें अटल जी नहीं होंगे
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के लिए इस समय दिल्ली में सर्वदलीय प्रार्थना सभा हो रही है। इस प्रार्थना सभा की खास बात ये है कि इसमें लगभग सभी दलों के नेता शामिल हैं।
नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के लिए इस समय दिल्ली में सर्वदलीय प्रार्थना सभा हो रही है। इस प्रार्थना सभा की खास बात ये है कि इसमें लगभग सभी दलों के नेता शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से लेकर बीजेपी के तमाम बड़े नेता, केंद्रीय मंत्री इस कार्यक्रम में शामिल हैं। वहीं, कांग्रेस कई दिग्गज नेता भी इस प्रार्थना सभा का हिस्सा बने हैं। वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद 16 अगस्त को निधन हो गया था। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी को सूचित किया कि राजीव गांधी का जन्मदिवस होने की वजह से वे अटल बिहारी वाजपेयी की प्रार्थना सभा में आने में असमर्थ हैं।
अटल अपने फैसलों में भी अटल थे: PM मोदी
सर्वदलीय श्रद्धांजलि सभा में पीएम मोदी ने कहा कि अटल अपने फैसलों में भी अटल थे। उन्होंने पोखरण में परमाणु परीक्षण का जिक्र करते हुए कहा कि प्रतिबंधों की परवाह न करते हुए अटल ने दुनिया को दिखा दिया कि भारत अटल है। पीएम मोदी ने अटल जी को श्रदांजलि देते हुए कहा कि उनके पुराने अनुभवों की वजह से उन्होंने कश्मीर पर दुनिया की सोच को बदला। आतंकवाद से जूझते भारत की स्थिति के बारे में उन्होंने दुनिया को बताया। पीएम ने कहा कि अटल जी के साथ काम करने का मौका मिला, वो सौभाग्यशाली हैं। उनके जाने से खालीपन पैदा हुआ है जिसे भरा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में सबसे पहले 13 दिन की सरकार बनी वो गिर गई लेकिन अटल जी को खुद पर भरोसा था, वो रूके नहीं..अटके नहीं। पीएम मोदी ने कहा कि अटल देश के लिए जिए और उसूलों के लिए जिए और शायद इसीलिए पूरे देश उनके निधन से गमगीन है।
जानें, अटल बिहारी वाजपेयी की श्रद्धांजलि सभा में किसने क्या कहा-
- जब मैं छात्र था तब अटल जी और आडवाणी जी साल में एक-दो सभाएं जम्मू में जरूर करते थे। उस समय कांग्रेस नेताओं के भाषण तो हम सुनते ही थे, लेकिन उनसे हटकर हम किसी का भाषण सुनने जाते थे तो वह अटल जी थे: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रार्थना सभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद
- जब तक अटलजी जीवित रहे, उन्होंने हमेशा सबको साथ लेकर चलने की कोशिश की और जाते-जाते अपनी मृत्यु के बाद भी उन्होंने सबको इकट्ठा एक हॉल में जमा कर दिया: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रार्थना सभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद
- कुछ लोग समझते होंगे कि अटलजी को प्रधानमंत्री बनने के कारण यह लोकप्रियता हासिल हुई। लेकिन मैं ऐसा नहीं मानता हूं। वह केवल सामाजिक क्षेत्र में ही काम करते रहते तो भी ऐसे ही लोकप्रिय होते: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रार्थना सभा में गृह मंत्री राजनाथ सिंह
- अटलजी हमारे बीच नहीं रहे, यह सच होते हुए भी इसका अहसास नहीं हो रहा है। जो भी अटलजी को जानता है, वह व्यक्ति उनकी छवि से प्रभावित हुआ है: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रार्थना सभा में गृह मंत्री राजनाथ सिंह
- अटलजी ने राजनीति जैसे उथल-पुथल वाले क्षेत्र में रहकर भी एक स्वयंसेवक के व्यवहार को कायम रखा। उनके अंदर एक स्वयंसेवक की संवेदना और कार्यकुशलता थी: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रार्थना सभा में RSS प्रमुख मोहन भागवत
- पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी प्रार्थना सभा को संबोधित कर रहे हैं।
- पीएम मोदी ने कहा कि अटल अपने फैसलों में भी अटल थे। उन्होंने पोखरण में परमाणु परीक्षण का जिक्र करते हुए कहा कि प्रतिबंधों की परवाह न करते हुए अटल ने दुनिया को दिखा दिया कि भारत अटल है।
- जीवन कितना लंबा हो यह हमारे हाथ में नहीं है, लेकिन जीवन कैसा हो यह हमारे हाथ में है। और अटल जी ने यह दिखाया है कि जीवन कैसा हो, क्यों हो और किसके लिए हो: पूर्व प्रधानमंत्री की प्रार्थना सभा में PM मोदी
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे हैं
- वाजपेयी की बेटी नमिता और नातिन निहारिका भट्टाचार्य प्रार्थना सभा में पहुंचीं
अटल जी के देहांत से उनके समर्थक, उनके प्रशंसक और उनके चाहने वाले दुखी हैं। 93 साल की जिंदगी में अटल जी के कई सहयोगी रहे, साथी रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अटल जी के करीबियों में शुमार रहे। अटल जी के निधन के बाद मोदी ने कहा कि उन्होंने पिता के समान एक शख्स को खो दिया है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अटल जी की तुलना ध्रुवतारे से की और कहा कि अटल जी के जाने से राजनीति में पैदा हुआ शून्य कोई और नहीं भर सकता।