गुवाहाटी: असम सरकार में मंत्री अशोक सिंघल और परिमल सुक्लाबैद्य ने शनिवार को कछार जिले के लैलापुर स्थित मिजोरम से लगती सीमा का दौरा किया और स्थानीय लोगों से मिजोरम की आर्थिक नाकेबंदी खत्म कर वाहनों को पड़ोसी राज्य में जाने देने का आग्रह किया। वहीं, जब मंत्री ट्रक संघ के सदस्यों से चर्चा कर रहे थे तभी नाराज जनता ने वहां पथराव शुरू कर दिया और वहां फंसे 2 ट्रकों को क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही कछार की पुलिस अधीक्षक रमणदीप कौर सहित बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रण में लाया।
बता दें कि 26 जुलाई को सीमा पर हुई झड़प में असम पुलिस के 6 कर्मियों सहित 7 लोगों की मौत होने के बाद स्थानीय लोगों और कुछ संगठनों ने मिजोरम की ‘अनाधिकारिक रूप से आर्थिक नाकेबंदी’ कर दी है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व सरमा ने दोनों मंत्रियों को मिजोरम से लगती लैलापुर पुलिस चौकी जाने और स्थानीय लोगों को आवश्यक सामग्री पड़ोसी राज्य में जाने देने के लिए मनाने का निर्देश दिया है। मंत्री के साथ कछार जिले के उपायुक्त कीर्ति जल्ली, पुलिस अधीक्षक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से बातचीत की और उनसे आर्थिक नाकेबंदी हटाने का आह्वान किया ताकि अंतर राज्यीय सीमा पर शांति और सौहार्द्र के महौल को बहाल किया जा सके।
कछार जिले के प्रभारी मंत्री सिंघल ने ट्वीट किया,‘लैलापुर सिविल पोस्ट पर मंत्री परिमल सुक्लाबैद्य के साथ नागरिक समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात की सीमावर्ती इलाके में शांति बहाल करने, सामान और परिवहन के सुचारु आवजाही की सुविधा पर चर्चा की।’ असम सरकार में पर्यावरण और वनमंत्री धोलाई के विधायक हैं जिसके अंतर्गत लैलापुर आता है। उन्होंने कहा, ‘स्थानीय लोगों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है और हम भरोसा देते हैं कि इसके लिए सभी तरह की सहायता की जाएगी।’ दोनों मंत्रियों ने लोगों से आह्वान किया कि वे और प्रदर्शन या मिजोरम से लगते रास्ते में अवांछित परिस्थित उत्पन्न करने से बचे ताकि पड़ोसी राज्य में आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
स्थानीय लोगों ने आर्थिक नाकेबंदी हटाने पर सहमति जताई है और आज मध्य रात्रि से उम्मीद है कि असम से मिजोरम जाने वाले वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी जहां पर बड़ी संख्या में ट्रक फंसे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को कहा था, ‘हमने कीमती जानें खोई हैं लेकिन हमें शांति और प्रगति के रास्ते पर बढ़ना होगा। हम संवैधानिक सीमाओं की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं लेकिन मैं अपने लोगों से अपील करूंगा कि वे मिजोरम सामान की आवाजाही होने दें।’
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