नई दिल्ली: असम के तिनसुकिया जिले के खेरोनी में बृहस्पतिवार की रात संदिग्ध उल्फा (इंडिपेंडेंट) उग्रवादियों ने पांच लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी जबकि दो अन्य घायल हो गये। इस हत्याकांड के विरोध में में आज 24 घंटे का असम बंद का ऐलान किया गया है। बंद का तिनसुकिया में व्यापक असर देखने को मिल रहा है। तिनसुकिया में जगह-जगह सड़कों पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है।
शुरुआती जांच के मुताबिक़ नरसंहार का आरोप यूनाइटेड लिब्रेशन फ्रंड ऑफ असम यानी उल्फा पर है। पुलिस के मुताबिक़ 6 हमलावार 2 बाइक पर आए थे और सब हिंदी में बात कर रहे थे। हमलावरों ने श्यामल बिश्वास, अनंत बिश्वास, अविनाश बिश्वास, सुबल दाल और धनंजय नामशूद्र की हत्या की। मारे गए पांच लोगों में से तीन एक ही परिवार के सदस्य थे। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्होंने उन लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं और फिर रात के अंधेरे में फरार हो गये।
मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मासूम लोगों की हत्या की निंदा की और शोकसंतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की। उन्होंने कहा, “इस कायरतापूर्ण हिंसा के अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हम इस तरह की कायराना हरकत को बर्दाश्त नहीं करेंगे।” सोनोवाल ने कहा कि उन्होंने राज्य के मंत्रियों तपन गोगोई और केशव महंत को डीजीपी कुलाधार साइकिया के साथ मौके पर जाने के निर्देश दिए हैं।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि इस घृणित अपराध के दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। सिंह ने मुख्यमंत्री सोनोवाल से बात करके हालात का जायजा लिया। पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई, विपक्षी पार्टी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रिपुन बोरा ने घटना की भर्त्सना की।
इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक ट्विटर पोस्ट में सवाल किया कि कहीं यह हमला राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से जुड़े घटनाक्रम से संबंधित तो नहीं था। उन्होंने ट्वीट किया, “क्या यह हालिया एनआरसी घटनाक्रम का परिणाम है।” बनर्जी ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए मृतकों के शोकाकुल परिवारों के प्रति सहानुभूति प्रकट की।
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