नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी की कार्यसमिति (CWC) की बैठक से आ रहे बयानों के बाद पार्टी में मची हलचल पर कई ऐसे नेता भी सक्रिय हो चुके हैं जो पार्टी छोड़ चुके हैं लेकिन उन्हें राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। ऐसे ही नेताओं में एक हैं हरियाणा के अशोक तंवर। पार्टी में अनदेखी की वजह से अशोक तंवर ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़ दी थी, लेकिन उन्हें आज भी राहुल गांधी का करीबी माना जाता है।
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आज दिन में खबर आई कि राहुल गांधी ने CWC बैठक में कहा है कि जिन लोगों ने अध्यक्ष पद को लेकर सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी है वे भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए हैं। इस बयान पर अशोक तंवर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके जैसे कार्यकर्ता को कई वर्षों से ऐसे ही गद्दारों के साथ लड़ाई लड़ रहे थे।
अशोक तंवर ने अपने ट्वीट संदेश में कहा, 'लोगों को आज समझ में आया है कि कुछ लोग भारतीय जनता पार्टी से मिलें हुए हैं परन्तु मेरे जैसे कार्यकर्ता तो कई वर्षों से ऐसे ग़द्दारों से ही लड़ाई लड़ रहे थे।' हालांकि, राहुल गांधी के इस बयान को लेकर पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला की तरफ से कहा गया कि CWC की बैठक में राहुल गांधी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। कपिल सिब्बल भी पहले तथाकथित बया से भड़क गए थे लेकिन बाद में कपिल सिब्बल ने कहा कि खुद राहुल गांधी ने उन्हें बताया कि ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया था। लेकिन सोचने की बात ये है कि अगर राहुल गांधी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया था तो फिर यह बयान कहां से बाहर आया।
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