नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों (लोकसभा/राज्यसभा) से कृषि कानून वापसी के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि चुनावों को ध्यान में रखकर कानून वापस किए गए हैं। कृषि कानूनों की वापसी से मोदी सरकार को सबक मिला है। मोदी सरकार किसी का बात नहीं सुनती है। सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने जोर देते हुए कहा कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी मिलनी चाहिए।
हंगामे के बीच राज्यसभा से भी पारित हुआ कृषि विधि निरसन विधेयक
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा ने सोमवार को तीन विवादित कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 को बिना चर्चा के मंजूरी प्रदान कर दी। इससे पहले इस निरसन विधेयक को लोकसभा में बिना चर्चा के पारित किया गया। विपक्षी दलों ने इस विधेयक पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा किया लेकिन इसे नजरअंदाज करते हुए विधेयक को पहले लोकसभा ओर फिर उसके बाद राज्यसभा में पारित कर दिया गया।
तीन कृषि कानूनों को खत्म करने संबंधी विधेयक को बिना चर्चा के लोकसभा की मंजूरी
लोकसभा ने पिछले करीब एक वर्ष से विवादों में घिरे और किसानों के आंदोलन के प्रमुख कारण बने तीन कृषि कानूनों को निरास्त करने संबंधी एक विधेयक को बिना चर्चा के पारित कर दिया। इस विधेयक को बिना चर्चा के पारित किया जाने का कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने भारी विरोध किया। लोकसभा में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 पेश किया। इसके फौरन बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक जैसे विपक्षी दलों ने विधेयक पर चर्चा कराने की मांग शुरू कर दी।
हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन में व्यवस्था नहीं है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज सदन में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है । इस विधेयक को चर्चा एवं पारित होने के लिये रखे जाने की बात कही गई लेकिन इस पर सरकार चर्चा क्यों नहीं करना चाहती है। कई अन्य विपक्षी सदस्यों को भी कुछ कहते देखा गया लेकिन शोर शराबे में उनकी बात नहीं सुनी जा सकी। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन में व्यवस्था नहीं है और इस हालात में चर्चा कैसे करायी जा सकती है। आप (विपक्षी सदस्य) व्यवस्था बनाये तब चर्चा करायी जा सकती है। इसके बाद सदन ने शोर शराबे में भी ही बिना चर्चा के कृषि विधि निरसन विधेयक 2021 को मंजूरी दे दी।
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