नई दिल्ली: AIMIM चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने नागरिता संशोधन विधेयक को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साथा है। उन्होंने कहा कि “नागरिता संशोधन विधेयक लाना हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के लिए एक अपमानजनक होगा, क्योंकि आप दो राष्ट्र सिद्धांत को पुनर्जीवित करेंगे। एक भारतीय मुसलमान के रूप में मैंने जिन्ना के सिद्धांत को खारिज किया है। अब आप एक कानून बना रहे हैं, जिसमें दुर्भाग्यवश आप दो राष्ट्र सिद्धांत की याद दिला रहे होंगे।”
ओवैसी ने कहा कि अगर मीडिया रिपोर्ट सही हैं कि पूर्वोत्तर राज्यों को प्रस्तावित नागरिकता (संशोधन) विधेयक (सीएबी) कानून में छूट दी जाएगी तो यह अपने आप में अनुच्छेद 14 का बहुत बड़ा उल्लंघन है, जो कि एक मौलिक अधिकार है। आप देश में नागरिकता पर दो कानून नहीं रख सकते। ओवैसी ने धर्म के आधार पर नागरिकता देते का आरोप भी केंद्र सरकार पर लगाया और निशाना साधा।
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि “यह कानून अनुच्छेद 14 और 21 का भी उल्लंघन करता है क्योंकि आप धर्म के आधार पर नागरिकता दे रहे हैं जो दोनों अनुच्छेद का उल्लंघन करता है। अगर हम इस कानून को पारित करते हैं तो यह संविधान के निर्माता भीमराव आंबेडकर और महात्मा गांधी के प्रति अनादर होगा।”
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