नई दिल्ली। देश में कोरोना वैक्सीन की कमी और पहली और दूसरी डोज के बीच समय अतंराल को लेकर मोदी सरकार पर असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को जमकर निशाना साधा। देश में कोरोना वैक्सीन की कमी और पहली और दूसरी डोज के बीच समय अतंराल को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा निशाना साधा है। असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को कहा कि देश में कोरोना टीके की कमी केवल नरेंद्र मोदी के कारण है। उन्होंने आदेश देर से दिया और उनकी पारदर्शिता की कमी है। उन्होंने कहा कि वे लोगों से झूठ बोलते हैं। कोरोना की पहली खुराक के बाद 4 सप्ताह के बाद दूसरी खुराक लें। फिर इसे 6 सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया गया, अब यह 12 से 16 सप्ताह कर दी गई है। यह उनके नीतिगत पक्षाघात को दर्शाता है।
असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा कि जब तक हम भारतीय आबादी का टीकाकरण नहीं कर लेते, जैसा कि सभी विशेषज्ञ हमें बता रहे हैं, आप जान नहीं बचा सकते। ओवैसी ने कहा कि ऐसा करने के लिए मोदी सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर महीने 300 मिलियन टीकाकरण की खुराक दी जाए और लोगों को टीका लगाया जाए, वे इस पर विफल रहे हैं।
कोरोना संकट के बीच ऑक्सीजन और दूसरी सुविधाओं की किल्लत को लेकर केंद्र सरकार आलोचनाओं से चौतरफा घिरी हुई है। विपक्ष सरकार को लगातार कटघरे में खड़ा कर रहा है। एआईएमआईएम के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला। हैदराबाद से सांसद ने अपने ट्वीट में कहा, 'जो सरकार सौ ऑक्सीजन प्लांट भी नहीं लगा सकी वो चाहती थी कि 1.37 अरब लोग अपनी नागरिकता साबित करें।' ओवैसी का इशारा नागरिकता कानून (सीएए) की तरफ है, जाहिर है कि ओवैसी इस कानून के विरोध का मुखर चेहरा रहे हैं।
यह पहली दफा नहीं है जब ओवैसी ने कोरोना से जुड़ी तैयारियों के मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा। अपने एक ट्वीट में उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था, 'मोदी ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसे वह अभी प्रधानमंत्री बने हैं और पिछले सप्ताह से पहले उनके पास कोई शक्ति नहीं है। यह 'क्लोज को-ऑर्डिनेश' महीनों पहले हो सकता था लेकिन आज भी पूरे भारत में दवा और वैक्सीन की कमी है। उन्होंने इस संकट से निपटने के हर पहलू को उलझा दिया है।' वहीं एक और ट्वीट में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था, 'हुकूमत की ना-अहली हमें क़ब्रिस्तान और शमशान में दिख रही है, हुकूमत की नाकामी मरने वालों के आहों और सिसकियों में नज़र आ रही है।'
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