नई दिल्ली: लद्दाख के पास एक चाइनीज हवाई पट्टी की वजह से भारत और चीन आमने सामने हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद हालात पर नजर बनाए हुए हैं। इसी बीच दिल्ली में आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस हो रही है। इस कॉन्फ्रेंस में नॉर्दर्न और ईस्टर्न कमांड के कमांडर्स ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है। कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में इस रिपोर्ट पर समीक्षा हो रही है।
इसी बीच भारत ने चीन की डिप्लोमेटिक घेराबंदी शुरू कर दी है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के रक्षामंत्री से बात की है। भारत ने 3 हजार 488 किलोमीटर की एलएसी पर तैनाती मजबूत कर दी है।
बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव को लेकर हाई लेवल बैठक की। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत मौजूद थे। लद्दाख में चीन सीमा पर सुरक्षा की स्थिति को लेकर पीएम मोदी ने बैठक में डटकर मुकाबला करने की तैयारी कर ली है।
चीन को जवाब देने के लिए तीनों सेनाओं ने पीएम मोदी को ब्लूप्रिंट सौंप दिया है। चीन के साथ तनातनी के हालात के बीच कल (26 मई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ तीनों सेनाओं की बैठक हुई। विदेश सचिव ने सरहद पर हो रहे विवाद पर पीएम को रिपोर्ट सौंप दी है।
इधर लड़ाकु विमान तेजस के उड़ने और ग्लोबमास्टर को लेह में उतरने की भी खबरें सामने आ रही हैं। स्ट्रैटजी के तहत तय हुआ है कि भारतीय सेना एक ईंच भी पीछे नहीं हटेगी। भारतीय सेना चीन के बराबर सरहद पर सैनिक अभ्यास जारी रखेगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की।
दो दिन पहले ही लेह का दौरा कर लौटे सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने रक्षा मंत्री को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर ताजा स्थिति से अवगत कराया है। दौलत बेग ओल्डी की एयरफील्ड को पूरी तरह एक्टिव रखा गया है।
एयरफोर्स और आर्म्ड कॉम्बैट ग्रुप को हाईअलर्ट पर रखा गया है। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल लद्दाख और उत्तरी सिक्किम एवं उत्तराखंड में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर उभरती स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
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