नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले के चारों दोषियों के परिवार ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अपने लिए इच्छा मृत्यु की इजाज़त मांगी है। कुल 13 लोगों ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी है। मुकेश के परिवार के 2, पवन-विनय के परिवार के 4-4 सदस्य और अक्षय के परिवार के 3 सदस्यों ने चिट्ठी लिखी है। जिन परिजनों ने इच्छा मृत्यु की इजाज़त मांगी है उनमें दोषियों के माता-पिता, पत्नी, बहनें और बच्चे भी शामिल हैं।
आवेदन में चारों दोषियों के परिजनों का कहना है, “राष्ट्रपति जी आपने हमारे बेटों की दया याचिका तो खारिज कर दी है, अब हमारी भी मरने की याचिका को मंजूर कर दीजिए और निर्भया की मां, पिता और भाईयों से हमारे मरने की सिफारिश करवा दीजिए।'' चारों दोषियों के परिवार वालों का कहना है कि वह सवा सात साल से तिल-तिल कर जी रहे हैं। उनकी बेटियों से कोई शादी करने को राजी नहीं है और उनके बच्चों में भी इतनी हिम्मत नहीं होगी कि बड़े होकर वह समाज का सामना कर सकें।
बता दें कि 2012 में निर्भया से बलात्कार और हत्या के चारों दोषियों- मुकेश, पवन, विनय और अक्षय को 20 मार्च को सुबह पांच बजकर तीस मिनट पर एक साथ फांसी दी जाएगी। नया डेथ वारंट जारी होने के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा था कि उम्मीद है कि यह आखिरी तारीख होगी और उन्हें 20 मार्च को फांसी के फंदे से लटका दिया जाएगा। जब तक उन्हें फांसी नहीं दी जाती तब तक मेरी लड़ाई जारी है। 20 मार्च की सुबह हमारे लिए जिंदगी की सुबह होगी। आशा देवी ने कहा कि निर्भया ने मरने से पहले यह वादा लिया था कि इन दरिंदों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए कि फिर किसी लड़की के साथ ऐसा न हो। यदि मौका मिले तो मैं उसे मरता देखना चाहूंगी।
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