नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को मुफ्त वाईफाई योजना की शुरुआत की और कहा कि यह विरोधाभास है कि आज के दिन ही दिल्ली में अधिकारियों ने इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शनों के चलते राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में मोबाइल-इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है। केजरीवाल ने कहा कि देश में लोग ‘‘डरे’’ हुए हैं क्योंकि करीब 70 प्रतिशत के पास अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं हैं। उन्होंने आईटीओ बस स्टैंड पर इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा, ‘‘यह विरोधाभास है कि जिस दिन मुफ्त वाईफाई योजना शुरू की जा रही है, पुलिस ने इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी। मुझे उम्मीद है कि हालात जल्द सामान्य हो जाएंगे और इंटरनेट सेवाएं बहाल हो जाएंगी।’
’उन्होंने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून की कोई जरूरत नहीं है और सरकार को चाहिए कि वह युवाओं को रोजगार मुहैया कराने पर ध्यान दे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं केंद्र सरकार से हाथ जोड़कर अपील करता हूं कि इस समय इस कानून को न लाएं।’’ संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शनों को देखते हुए दिल्ली पुलिस के निर्देश के बाद दूरसंचार परिचालकों ने गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर के कुछ हिस्सों में इंटरनेट, वायस और संदेश सेवाएं बंद कर दी। मुख्यमंत्री ने चिंता जताई कि कानून और व्यवस्था की स्थिति न सिर्फ दिल्ली में बल्कि पूरे देश में दिन बदिन ’’बिगड़ती’’ जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘न सिर्फ मुसलमानों में, बल्कि सभी नागरिकों में डर है कि उन्हें अपनी नागरिकता साबित करनी होगी और दस्तावेज दिखाने होंगे। सत्तर प्रतिशत लोगों, खासतौर से गरीबों के पास दिखाने के लिए दस्तावेज नहीं हैं और उन्हें डर है कि उन्हें देश से निकाल दिया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून से कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार लोगों से किए गए वादों को पूरा कर रही है और अब ‘‘दिल्ली दुनिया का पहला शहर बनेगा, जहां मुफ्त वाईफाई सेवाएं उपलब्ध होंगी।
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