नई दिल्ली: पीएम मोदी के शनिवार को आजमगढ़ में दिए भाषण का असर अभी तक राजनीतिक गलियारे में देखने को मिल रहा है। पीएम मोदी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे परियोजना का शिलान्यास करने के बाद एक जनसभा में कहा था कि मैंने अखबार में पढा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि कांग्रेस मुस्लिमों की पार्टी है। पिछले दो दिन से चर्चा चल रही है। मुझे आश्चर्य नहीं हो रहा है क्योंकि जब मनमोहन सिंह की सरकार थी तो स्वयं उन्होंने कह दिया था कि देश के प्राकृतिक संसाधनों पर सबसे पहला अधिकार मुसलमानों का है।'' उनके इस बयान पर हड़कंप मच गया है।
जहां एक तरफ कांग्रेस ने तुरंत इस बयान पर स्पष्टीकरण दिया है तो वहीं मायावती ने कहा है कि आम चुनाव समय से पहले हो सकते हैं तभी पीएम मोदी हिन्दू-मुस्लिम की राजनीति कर रहे हैं। अब इस पूरे विषय पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी कूद गए हैं। केजरीवाल ने ट्वीट करके लिखा है कि अगर बीजेपी हिन्दुओं की पार्टी है तो कम से कम हिन्दुओं के बच्चों की ही अच्छी नौकरी और शिक्षा दे दे। किसी के लिए कुछ तो करो।
जिस तरह सभी पार्टियां पीएम मोदी के अक्रामक तेवर के देखकर सकते में आ गई हैं लगता है अभी राजनीतिक बिसात पर ऐसे ही और बयान देखने को मिल सकते हैं। इससे पहले पीएम मोदी ने तील तलाक पर कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा था कि, ‘‘मैं कांग्रेस अध्यक्ष से यह पूछना चाहता हूं कि अगर कांग्रेस मुस्लिमों की पार्टी है ... ये तो बताइये मुसलमानों की पार्टी भी क्या पुरूषों की है या महिलाओं की भी है। क्या मुस्लिम महिलाओं के गौरव के लिए जगह है ... संसद में कानून लाने से रोकते हैं। संसद चलने नहीं देते हैं।’’
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