नई दिल्ली: भारत और चीन के सैनिक लंबे समय तक लेह में एलएसी पर चली तनातनी के बाद अब अरुणाचल प्रदेश में आमने-सामने आ गए थे लेकिन कुछ घंटों के बाद विवाद को सुलझा लिया गया। रक्षा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले हफ्ते दोनों देशों के सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा पर फेस ऑफ की स्थिति में आ गए।
पीएलए सैनिकों को भारतीय सैनिकों ने यांग्त्से के पास तवांग सेक्टर में हिरासत में लिया था। लेकिन स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार दोनों पक्षों के स्थानीय कमांडरों के बीच बातचीत के बाद सुलझाया गया। सूत्रों ने बताया कि इस विवाद के दौरान किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ है।
रक्षा सूत्रों के मुताबिक भारत-चीन सीमा का औपचारिक रूप से सीमांकन नहीं किया गया है और इसलिए देशों के बीच एलएसी के परसेप्शन में अंतर है। दोनों देशों के बीच मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल के पालन के जरिए ही एलएसी पर शांति कायम हो सकी है। दोनों तरफ के सैनिक एलएसी को लेकर अपने परसेप्शन के मुताबिक ही पेट्रोलिंग करते हैं। पेट्रोलिंग के दौरान दोनों देशों की सेनाओं का आमना-सामना होता है और कभी-कभी एलएसी को लेकर विवाद भी होता है। इस विवाद में किसी भी पक्ष को कोई नुकसान नहीं हुआ है।
आपको बता दें कि पिछले साल लेह में एलएसी पर भी भारत और चीन के सौनिक आमने-सामने आ गए थे। जून 2000 में दोनों देशों की सेनाएं आपस में भिड़ गई थी। इस भिड़ंत में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे जबकि चीन को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा था। माना जाता है कि चीन के 40 से ज्यादा जवान इस संघर्ष में मारे गए थे। इसके बाद लंबे समय तक दोनों देशों के बीच तनातनी रही। विभिन्न स्तरों पर हुई बातचीत के बाद धीरे-धीरे तनाव को कम करने में सफलता मिली।
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