अमित शाह ने अरुण जेटली के निधन को भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए असहनीय क्षति बताया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि अरुण जेटली का निधन भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए एक असहनीय क्षति है।
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि अरुण जेटली का निधन भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए एक असहनीय क्षति है। उन्होनें कहा कि एक छात्र नेता के रूप में उन्हें आपातकाल के दौरान 19 महीने तक जेल में रखा गया था। संसद सदस्य के रूप में उन्होंने हमेशा लोगों की आवाज उठाई और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक धर्मयुद्ध के रूप में काम किया।
दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब भी मुझे अपने जीवन में परेशानी का सामना करना पड़ा अरुण जेटली जी मेरे साथ खड़े रहे। आज वह हमारे साथ नहीं है, मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके परिवार और भाजपा कार्यकर्ताओं को इस नुकसान से निपटने के लिए शक्ति प्रदान करे।
इससे पहले अमित शाह ने पूर्व वित्त मंत्री को दुख जताते हुए कई ट्वीट किए। उन्होंने जेटली की उपलब्धियों को याद करते हुए लिखा कि अरुण जेटली जी के निधन से अत्यंत दुखी हूं, जेटली जी का जाना मेरे लिये एक व्यक्तिगत क्षति है। उनके रूप में मैंने न सिर्फ संगठन का एक वरिष्ठ नेता खोया है बल्कि परिवार का एक ऐसा अभिन्न सदस्य भी खोया है जिनका साथ और मार्गदर्शन मुझे वर्षो तक प्राप्त होता रहा।
शाह ने लिखा कि खुशमिजाज व्यक्तित्व वाले जेटली जी से मिलना और उनसे विचार विमर्श करना सभी के लिए एक सुखद अनुभव होता था। आज उनके जाने से देश की राजनीति और भारतीय जनता पार्टी में एक ऐसी रिक्तता आयी है जिसकी भरपाई होना जल्दी संभव नहीं है। अपने अद्वितीय अनुभव और विरले क्षमता से अरुण जी ने संगठन और सरकार में विभिन्न दायित्वों का निर्वाह किया। एक प्रखर वक्ता और समर्पित कार्यकर्ता अरुण जी ने देश के वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री और राज्य सभा में नेता विपक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों को पूरी कुशलता से निभाया।
अमित शाह ने आगे लिखा कि मोदी सरकार के 2014-19 के कार्यकाल के दौरान देश के वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने अपनी अमिट छाप छोड़ी और मोदी जी की गरीब कल्याण की परिकल्पनाओं को जमीन पर उतारा और हिन्दुस्तान को विश्व की सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में प्रतिष्ठित किया। काले धन पर कार्यवाही की बात हो, एक देश-एक कर ‘जीएसटी' के स्वप्न को साकार करने की बात हो, विमुद्रीकरण की बात हो या आम आदमी को राहत पहुंचाने की बात, उनके हर निर्णय में देश और देश की जनता का कल्याण निहित था। देश उन्हें उनके अत्यंत सरल एवं संवेदनशील व्यक्तित्व के लिए सदैव याद रखेगा।