नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) इस साल पहली जुलाई से लागू होने की उम्मीद जताते हुए बुधवार को कहा कि इससे देश की 'जटिल' अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को सरल बनाने में मदद मिलेगी। जेटली ने यहां भारत के नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की ओर से आयोजित राष्ट्रमंडल देशों के महापरीक्षकों के 23वें सम्मेलन में उम्मीद जताई कि संसद के मौजूदा बजट सत्र में इससे संबंधित विधेयक पारित हो जाएंगे।
उन्होंने कहा, "जीएसटी भारत में सबसे बड़ा सुधार है। उम्मीद है कि यह एक जुलाई से लागू हो जाएगा। उम्मीद है कि इससे संबंधित विधेयकों को संसद से मंजूरी मिल जाएगी।"
उन्होंने कहा कि देश की अप्रत्यक्ष कराधान प्रणाली इस वक्त दुनिया की सबसे जटिल कर व्यवस्था है, लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद इसका सरलीकरण होगा।
उन्होंने कहा, "हमारी अप्रत्यक्ष कराधान प्रणाली जटिल है। यह इस वक्त दुनिया में सबसे अधिक जटिल कर व्यवस्था है। लेकिन जीएसटी लागू हो जाने के बाद हमारी कराधान प्रणाली सुगम व सरल हो जाएगी। इससे संबंधित विधेयक संसद के समक्ष हैं। साल के मध्य तक हमें जीएसटी लागू होने की उम्मीद है।"
केंद्रीय वित्त मंत्री ने यह भी कहा, "जीएसटी के तहत कर चोरी मुश्किल होगी और भारतीय अर्थव्यवस्था का विस्तार होगा।"
जेटली ने यह भी कहा कि भारत एक खुली अर्थव्यवस्था है और यहां करीब 90 फीसदी निवेश स्वत: होते हैं।
उन्होंने कहा, "यहां सुधार का विरोध न के बराबर है। देश में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) में सुधार महत्वपूर्ण है और हम दुनिया की सर्वाधिक खुली अर्थव्यवस्थाओं में से हैं।"
वित्त मंत्री ने हालांकि इस पर निराशा जताई कि जहां सार्वजनिक निवेश तथा एफडीआई बहुत अधिक है, वहीं निजी क्षेत्र में निवेश अब भी बहुत पीछे है।
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