मोदी सरकार के प्रभावशाली मंत्री पेश करेंगे अपना पांचवां बजट, जानिए कौन हैं अरुण जेटली?
वर्तमान में भारत सरकार में वित्त मंत्री और कंपनी मामलों के मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे हैं जेटली इससे पहले वाजपेयी सरकार (1998-2004) में वाणिज्य एवं उद्योग और कानून एवं न्याय मंत्री रह चुके हैं।
मोदी सरकार के प्रभावशाली मंत्री पेश करेंगे अपना पांचवां बजट, जानिए कौन हैं अरुण जेटली
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नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को अपना पांचवां बजट पेश करेंगे। मोदी सरकार के सबसे प्रभावशाली मंत्रियों में गिने जानेवाले अरुण जेटली के इस बजट से आम जनता को काफी उम्मीदें हैं। वित्त मंत्री जेटली यह बजट ऐसे समय में पेश कर रहे हैं जबकि आनेवाले महीनों में 8 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। वर्तमान में भारत सरकार में वित्त मंत्री और कंपनी मामलों के मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे हैं जेटली इससे पहले वाजपेयी सरकार (1998-2004) में वाणिज्य एवं उद्योग और कानून एवं न्याय मंत्री रह चुके हैं। नरेंद्र मोदी सरकार में उनके पास रक्षा मंत्री की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी थी। 2009 से 2014 तक उन्होंने राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी भी निभाई। जेटली सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील भी हैं।
आइये जानते हैं अरुण जेटली के वकील से वित्त मंत्री तक के सफर की कहानी।
दिल्ली यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री ली
अरुण जेटली ने 1957 से 69 तक दिल्ली के सेंट जेवियर स्कूल में पढ़ाई की। इसके बाद 1973 में उन्होंने दिल्ली के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से कॉमर्स, बीकॉम हॉनर्स की डिग्री हासिल की। 1977 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी डिग्री हासिल की।
कैसे राजनीति में आए
70 के दशक में अरुण जेटली दिल्ली यूनिवर्सिटी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्र नेता थे और 1974 में वह दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र इकाई के अध्यक्ष बन गए। इमरजेंसी (1975-77) के दौरान जेटली 19 महीने तक जेल में रहे। राज नारायण और जयप्रकाश नारायण द्वारा 1973 में शुरू किए गए भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन में वह एक प्रमुख नेता थे। जयप्रकाश नारायण द्वारा अरुण जेटली को छात्र और युवा संगठनों के लिए राष्ट्रीय समिति का समन्वयक नियुक्त किया गया। जेल से रिहा होने के बाद वह जन संघ से जुड़ गए। 1977 में जेटली को दिल्ली एबीवीपी का अध्यक्ष और एबीवीपी का राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया। बहुत कम समय में ही उन्हें 1980 में भाजपा के युवा मोर्चे का अध्यक्ष और दिल्ली इकाई के सचिव पद की जिम्मेदारी मिल गई।
वर्तमान जीवन
वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार में अरुण जेटली वित्त मंत्री और कॉरपोरेट मामलों के मंत्री हैं। जेटली 2014 में अमृतसर से लोकसभा चुनाव हार गए थे, इसके बावजूद उनकी योग्यता को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में कैबिनेट मिनिस्टर का दर्जा दिया।
राजनीतिक जीवन
1991 से ही अरुण जेटली भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं। 1999 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्हें पार्टी का प्रवक्ता बनाया गया। एनडीए की सरकार में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें 13 अक्टूबर 1999 को सूचना प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नियुक्त किया। इसके अलावा पहली बार एक नया मंत्रालय बनाते हुए उन्हें विनिवेश राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नियुक्त किया गया। राम जेठमलानी के इस्तीफे के बाद 23 जुलाई 2000 को जेटली को कानून, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्री का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया। मई 2004 में एनडीए के चुनाव हारने के बाद जेटली वापस बीजेपी के महासचिव बने और इसके साथ ही वो वापस वकालत की प्रैक्टिस करने लगे। इसके बाद वो राज्यसभा के लिए चुने गए और 3 जून 2009 को लाल कृष्ण आडवाणी द्वारा राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष चुने गए। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया क्योंकि भाजपा एक नेता एक पद के सिद्धांत पर काम करती है। 1980 से पार्टी में रहने के बावजूद अरुण जेटली ने कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा था इसलिए 2014 के चुनावों में पार्टी ने उन्हें सांसद नवजोत सिंह सिद्धू की सीट अमृतसर से चुनाव मैदान में उतारा। लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से अरुण जेटली चुनाव हार गए।