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Hindi News भारत राष्ट्रीय इन पांच पार्टियों ने किया कश्मीर से धारा 370 हटाने का विरोध, जानिए इनके नाम

इन पांच पार्टियों ने किया कश्मीर से धारा 370 हटाने का विरोध, जानिए इनके नाम

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के विरोध में आज कई पार्टी ने बीजेपी का जमकर विरोध किया। बीजेपी ने अनुच्छेद 370 हटाने के संकल्प को आज पूरा करते हुए जम्मू कश्मीर को एक अलग राज्य के दर्जे को खत्म कर दिया है।

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नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के विरोध में आज कई पार्टी ने बीजेपी का जमकर विरोध किया। बीजेपी ने अनुच्छेद 370 हटाने के संकल्प को आज पूरा करते हुए जम्‍मू कश्‍मीर को एक अलग राज्‍य के दर्जे को खत्‍म कर दिया है। अब यह एक संघ शासित प्रदेश बनेगा। सबसे खास बात यह है कि जम्‍मू कश्‍मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया है। लद्दाख को भी एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है। बीजेपी के इस फैसले का टीएमसी, आरजेडी, जेडीयू, पीडीपी और कांग्रेस समेत पांच पार्टियों ने जमकर विरोध किया।

पीडीपी नेता और जम्‍मू कश्‍मीर की पूर्व मुख्‍यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सकरार के इस फैसले का असंवैधानिक बताया है। अमित शाह की घोषणा के बाद मुफ्ती ने कहा कि आज भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन है। जम्मू कश्मीर के नेतृत्व का 1947 में 2-राष्ट्र थ्योरी को खारिज कर भारत में शामिल होने का निर्णय उल्टा साबित हुआ। भारत सरकार का अनुच्छेद 370 को हटाने का और फैसला असंवैधानिक और अवैध है। 

पीडीपी नेता मेहबूबा मुफ्ती ने कहा कि उपमहाद्वीप के लिए इसके भयावह परिणाम होंगे। भारत सरकार के इरादे साफ हैं। वे जम्मू-कश्मीर के लोगों को डराकर उनकी जमीन लेना चाहते हैं। 

क्या है आर्टिकल 370?

जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा ने 27 मई, 1949 को कुछ बदलाव सहित आर्टिकल 306ए (अब आर्टिकल 370) को स्वीकार कर लिया। भारतीय संविधान को 26 नवंबर, 1949 को अंगीकृत किया गया था। लेकिन इससे करीब एक महीना पहले 17 अक्टूबर, 1949 को आर्टिकल 306ए भारतीय संविधान का हिस्सा बन गया। 'इंस्ट्रूमेंट्स ऑफ ऐक्सेशन ऑफ जम्मू ऐंड कश्मीर टु इंडिया' की शर्तों के मुताबिक, आर्टिकल 370 में यह उल्लेख किया गया कि देश की संसद को जम्मू-कश्मीर के लिए रक्षा, विदेश मामले और संचार के सिवा अन्य किसी विषय में कानून बनाने का अधिकार नहीं होगा। साथ ही, जम्मू-कश्मीर को अपना अलग संविधान बनाने की अनुमति दे दी गई। 

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