राजस्थान के पुष्कर में होने वाले अपने सम्मेलन में NRC का मुद्दा उठा सकता है RSS
राजस्थान के शहर पुष्कर में शनिवार से शुरू होने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के तीन दिवसीय सम्मेलन में कश्मीर चर्चा के केंद्र में होगा।
पुष्कर: राजस्थान के शहर पुष्कर में शनिवार से शुरू होने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के तीन दिवसीय सम्मेलन में कश्मीर चर्चा के केंद्र में होगा। साथ ही सूत्रों का कहना है कि इसमें राष्ट्रव्यापी नागरिक रजिस्टर (NRC) का मुद्दा भी उठ जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले संविधान के विवादास्पद अनुच्छेद-370 को हटाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देने संबंधित एक प्रस्ताव भी पारित कर सकता है। RSS उक्त अनुच्छेद को हटाने के लिए लंबे समय से मांग करता रहा है।
राष्ट्रव्यापी NRC की उठ सकती है मांग
असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) की अंतिम सूची हाल ही में जारी हुई है, जिसमें काफी बांग्लाभाषी हिंदू आबादी सूची से बाहर हो गई है। इसके बाद असम के राज्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि हिंदुओं की देखभाल करना भारत की जिम्मेदारी है। उनका इशारा नागरिकता विधेयक की तरफ माना गया था। RSS असम में NRC सूची से बाहर हुई हिंदू आबादी की सुरक्षा की मांग कर सकता है। दिल्ली में RSS के एक सूत्र ने बताया कि भविष्य में संघ की ओर से राष्ट्रव्यापी NRC की मांग करने की काफी संभावना है।
वॉलमार्ट पर भी हो सकती है चर्चा
इस सम्मेलन में संघ के सहयोगी संगठन स्वदेशी जागरण मंच, लघु उद्योग भारती, भारतीय मजदूर संघ और भारतीय किसान संघ भी हिस्सा लेंगे। संघ का एक मुख्य लक्ष्य राष्ट्रभर में अपने विस्तार की योजना बनाना है। बंगाल में कुछ दिनों पहले एक बंद दरवाजे की बैठक में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने संगठन के विस्तार के मुद्दे पर जोर दिया था। स्वदेशी जागरण मंच भारत में वॉलमार्ट की बढ़ती मौजूदगी का मुद्दा उठा सकता है। वहीं भारतीय किसान संघ द्वारा हाल ही में राजस्थान में पेप्सिको जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा किसान उत्पीड़न का मुद्दे उठाने की संभावना है।
अर्थव्यवस्था की सुस्ती पर होगी बात?
इस सम्मेलन में अर्थव्यवस्था की सुस्ती का मुद्दा भी उठ सकता है। सितंबर 2017 में इस तरह की एक बैठक में मोदी सरकार की कुछ नीतियों की आलोचना की गई थी। इस सम्मेलन को अखिल भारतीय समन्वय बैठक के नाम से जाना जाता है। यह 7 सितंबर से शुरू होकर 9 सितंबर तक चलेगा। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के अलावा, RSS के सहकार्यवाह (महासचिव) सुरेश भैयाजी जोशी और संयुक्त महासचिव कृष्ण गोपाल व दत्तात्रेय होसाबले सहित अन्य लोग शामिल होंगे। (IANS)