नई दिल्ली। देश में कोरोना संकट के बीच सिक्किम के नाकुला बॉर्डर पर भारतीय-चीनी सैनिकों के बीच झड़प की घटना में 4 भारतीय जवान और 7 चाइनीज जवानों को चोटें आयी हैं। एक अधिकारी ने बताया कि चार भारतीय सैनिक और सात चाइनीज सैनिकों को चोट लगी है, जबकि इस झड़प के दौरान दोनों देशों के करीब 150 सैनिक मौके पर मौजूद थे।
सिक्किम के मुगुथांग के आगे नाकुला बॉर्डर पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प को लेकर भारतीय सेना ने बयान जारी करते हुए कहा कि इस तरह की छुट-पुट घटनाएं सीमाओं पर होती रहती हैं। सीमा पर तैनात दोनों तरफ के जवानों के बीच झड़प हुई जिसमें दोनों तरफ के सैनिकों को मामूली चोटें आई हैं। हालांकि ऐसे मसलों को प्रोटोकॉल के तहत आपसी सहमती के साथ सुलझा लिया जाता है। इस बारे में सेना के ईस्टर्न कमांडेंड की तरफ से कहा गया है कि इस तरह की घटनाएं काफी समय बाद हुई हैं।
सिक्किम में तनाव 2017 से बढ़ा
दरअसल, बाउंड्री विवाद नहीं सुलझने की वजह से यहां अक्सर तनाव की स्थिति पैदा हो जाती है और झड़पें हो जाती हैं। इससे पहले भी कई बार इस तरह की झड़प और तनाव देखने को मिला है जिसे बातचीत कर सुलझाया गया है। आपको बता दें कि साल 2017 में सिक्किम-भूटान-तिब्बत सीमा पर डोकलाम में भी दोनों देशों के बीच काफी दिनों तक तनातनी रही थी और 73 दिनों तक एक-दूसरे के सामने टिके रहने के बाद सैनिक वहां से हटे थे।
इससे पहले भारत और चीन के बीच सिक्किम में तनाव करीब एक साल चला था। बाद में दोनों सरकारों की कोशिशों के बाद तनाव कम हुआ था। दरअसल, तनाव की शुरुआत 2017 के जून के पहले हफ्ते में डोकलाम जनरल इलाके में चीन और भारत की फौजों में हाथापाई से हुई थी। भारतीय सैनिकों ने तब वहां पर चीनी सैनिकों को सड़क बनाने से रोक दिया था। हालांकि, चीन का दावा था कि वह अपने इलाके में सड़क बना रहा था। चीन दावा करता है कि ये उसके डोंगलांग रीजन का हिस्सा है। भारत-चीन का जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 3488 किलोमीटर लंबा बॉर्डर है, इसका 220 किलोमीटर हिस्सा सिक्किम में आता है।
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