श्रीनगर: सेना ने बुधवार को स्थानीय अखबारों में विज्ञापन जारी कर पिछले महीने एक मुठभेड़ में कथित तीन आतंकवादियों के मारे जाने की जांच के लिए विश्वसनीय सबूत साझा करने की अपील की। जम्मू क्षेत्र के राजौरी के रहने वाले परिवारों द्वारा मुठभेड़ स्थल से ही उनके परिवार के तीन सदस्यों के लापता होने के दावे के बाद सेना ने यह जांच शुरू की है।
लेफ्टिनेंट कर्नल सोनल जैन द्वारा दिए गए विज्ञापन में कहा गया, ‘‘अगर किसी भी व्यक्ति के पास 18 जुलाई 2020 को शोपियां जिले के अमशीपोरा गांव में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ की कोई विश्वसनीय सूचना है तो कृपया कर उप जीओसी (जनरल ऑफिसर कमान) को अगले दस दिनों में दूरभाष संख्या 1933-247026 पर दें। सूचना देने वाली की पहचान और जानकारी गोपनीय रखी जाएगी।’’
श्रीनगर में रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने मंगलवार को कहा कि सेना सभी आतंकवाद रोधी अभियानों की नैतिक आचरण जांच करने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘‘जिन मामलों में शक जाहिर किया जाता है उनकी जांच कानून के मुताबिक की जाती है। चूंकि इस मामले की जांच जारी है , आगे की जनकारी कानूनी प्रक्रिया को प्रभावित किए बिना समय -समय पर साझा की जाएगी।’’
गौरतलब है कि 18 जुलाई को दक्षिण कश्मीर के शोपियां के अमशीपोरा में हुई मुठभेड़ में सेना ने तीन आतंकवादियों को मार गिराने का दावा किया था। हालांकि, मुठभेड़ के दो हफ्ते बाद जम्मू के राजौरी में परिवारों ने तीन युवकों के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई जो सेब और अखरोट के बागान में मजदूरी करते थे।
परिवार ने बताया कि उन्होंने आखिरी बार लापता युवकों से 17 जुलाई को बात की थी और वे उसी इलाके से लापता हैं जहां पर सेना ने मुठभेड़ में तीन आतंकवादियों को मार गिराने का दावा किया। सेना पहले ही उच्च स्तरीय कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (सैन्य जांच) का गठन कर चुकी है और मंगलवार को सैनिकों के बयान दर्ज किए गए। परिवारों के डीएनए नमूने लेकर 18 जुलाई को मारे गए कथित आतंकवादियों के नमूनों से मिलान के लिए भेजे गए हैं।
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