नई दिल्ली। भारतीय सेना ने तीसरी पीढ़ी की टैंक रोधी निर्देशित मिसाइल ‘नाग’ का पोखरण फायरिंग रेंज में सफल परीक्षण किया और इस तरह इसके सेना में शामिल होने का रास्ता साफ हो गया है। ‘नाग’ मिसाइल सभी मौसम में दुश्मनों के पूरी तरह सुरक्षित टैंकों को न्यूनतम 500 मीटर और अधिकतर चार किलोमीटर की दूरी से भेदने की क्षमता के साथ विकसित की गयी है।
ग्रीष्मकालीन परीक्षण पूरा होने के साथ अब मिसाइल के उत्पादन और सेना में इसके शामिल होने का रास्ता साफ हो जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने परीक्षण सफल होने पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) तथा मूल्यांकन दलों को मुबारकबाद दी है।
मिसाइल का प्रक्षेपण नाग मिसाइल कैरियर से किया गया जिसमें छह मिसाइल ले जाने की क्षमता है। मिसाइल प्रणाली का शीतकालीन परीक्षण फरवरी में ही संपन्न हो चुका है। रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘‘सरकार ने परीक्षणों के बाद ‘नाग’ मिसाइलों के शामिल करने की जरूरत को स्वीकार्यता प्रदान की है।’’
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