9 जनवरी को सियाचिन जाएंगे नए आर्मी चीफ मुकुंद नरवाणे, पद संभालने के बाद पहला दौरा
नए आर्मी चीफ मुकुंद नरवाणे नौ जनवरी को सियाचिन का दौरा करेंगे। आर्मी चीफ का पद संभालने के बाद मुकुंद नरवाणे का यह पहला सियाचिन दौरा है।
नई दिल्ली: नए आर्मी चीफ मुकुंद नरवाणे नौ जनवरी को सियाचिन का दौरा करेंगे। आर्मी चीफ का पद संभालने के बाद मुकुंद नरवाणे का यह पहला सियाचिन दौरा है। उन्होंने जनरल बिपिन रावत की जगह आर्मी चीफ का पद संभाला है। बता दें कि आर्मी चीफ बनने से पहले नरवाणे डिप्टी आर्मी चीफ थे। नरवाणे डिप्टी आर्मी चीफ से पहले ईस्टर्न कमांड के चीफ रहे। नरवाणे को कश्मीर और पूर्वोत्तर में लंबे वक्त तक काम करने का अनुभव है।
बताया जाता है कि उन्होंने चीन सीमा पर आमने-सामने आई भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच सहयोग बढ़ाने में काफी अहम भूमिका निभाई थी। अपने 37 साल के करियर में जनरल नरवाणे जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में कई अहम पोजिशन पर रहे। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन की कमान संभाली और पूर्वी मोर्चे पर इन्फैंट्री ब्रिगेड का नेतृत्व किया। वो जून 1980 में सिख लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट के सातवें बटालियन में कमीशन हुए थे। उन्हें सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल और अति विशिष्ट सेवा मेडल से नवाजा जा चुका है।
- जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे देश के नए आर्मी चीफ हैं
- आर्मी चीफ बनने से पहले डिप्टी आर्मी चीफ थे
- डिप्टी आर्मी चीफ से पहले ईस्टर्न कमांड के चीफ रह चुके हैं
- कश्मीर-पूर्वोत्तर में काउंटर-इंसर्जेंसी ऑपरेशन का लंबा अनुभव रहा है
- आर्मी ट्रेनिंग कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ रहे हैं
- कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स, इन्फेंट्री ब्रिगेड की कमान संभाली
- 1980 में सिख लाइट इन्फेंट्री रेजीमेंट की 7वीं बटालियन में कमीशन
- सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में काम करने लंबा अनुभव
- कश्मीर में शानदार काम करने के लिए सेना पदक
- नगालैंड में बेहतरीन काम के लिए विशिष्ट सेवा मेडल
- स्ट्राइक कोर की कमान के लिए अतिविशिष्ट सेवा मेडल
- नरवाणे परम विशिष्ट सेवा मेडल से भी सम्मानित
- जनरल नरवाणे श्रीलंका में शांति मिशन का हिस्सा रहे
- म्यामांर में भारतीय दूतावास में 3 साल तक रक्षा अताशे
- नरवाणे 2017 में गणतंत्र दिवस परेड के कमांडर रहे
- एनडीए पुणे और आईएमए देहरादून के पूर्व छात्र
- मद्रास यूनिवर्सिटी से डिफेंस स्टडीज में मास्टर डिग्री
- देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी इंदौर से डिफेंस मैनेजमेंट में एमफिल