नई दिल्ली: चीन से तनाव के बीच सेना प्रमुख एम.एम. नरवणे हालात का जायजा लेने के आज दो दिवसीय दौरे पर लद्दाख पहुंच गए हैं। सूत्रों ने बताया कि सेना प्रमुख लद्दाख में तैनात कमांडरों के साथ गतिरोध पर चर्चा करेंगे और अग्रिम इलाकों का दौरा करेंगे।
लद्दाख में पिछले एक महीने से तनाव बरकरार है, लेकिन पिछले एक हफ्ते में हालात लगातार बिगड़ते हुए दिख रहे हैं। ऐसे में सेना प्रमुख का लद्दाख जाना वहां मौजूद सैनिकों के लिए उत्साह बढ़ाने वाला होगा।
वहीं पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद आज पहली बार जयशंकर और वांग यी भी आमने-सामने होंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर आज रूस-भारत-चीन (आरआईसी) की त्रिपक्षीय डिजिटल कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन में चीन के विदेश मंत्री वांग यी और उनके रूसी समकक्ष सर्जेई लावरोव भी भाग लेंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी भारत-चीन तनाव के बीच तीन दिन के रूस दौरे पर मॉस्को पहुंचे हैं। वह 75वीं विजय दिवस परेड में शामिल होंगे। इस दौरान भारत और रुस के बीच रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा संभव है।
बता दें कि इससे पहले पिछले दिनों वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने भी लेह बेस का दौरा किया था, जो अचानक हुआ था। वायुसेना प्रमुख ने ग्राउंड का जायजा लिया था और तैयारियों को परखा था।
गलवान घाटी में 15 जून की घटना में देश के 20 जवान शहीद हो गए, तभी से तनाव बरकरार है और चीन के पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए भारत कोई रिस्क नहीं लेना चाहता है। यही कारण है कि थल, जल और नभ में सेनाएं पूरी तरह से मुस्तैद हैं।
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