श्रीनगर: सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे ने बृहस्पतिवार को कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा हालात का जायजा लिया और अभियान संबंधी उच्च स्तरीय तैयारियों के लिए सैनिकों की प्रशंसा की और कहा कि अगर स्थिति अनुमति देती है तो जम्मू-कश्मीर में सैनिकों की कमी संभव है। फिलहाल संघर्ष विराम जारी है जिसे सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी पाकिस्तान पर है। घाटी में संपूर्ण सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा के लिए जनरल बुधवार को कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे थे।
सेना प्रमुख ने कहा कि नियंत्रण रेखा के दूसरी तरफ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी शिविरों तथा आतंकवादियों की मौजूदगी समेत आतंकी ढांचे होने जैसी गतिविधियां अब भी जारी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, हमारी तैयारियों के स्तर में कोई ढील नहीं दी जा सकती।’’ जब सेना प्रमुख से पूछा गया कि संघर्ष-विराम को 100 दिन हो गये हैं तो क्या इस्लामाबाद पर अब भरोसा किया जा सकता है तो उन्होंने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों तक अविश्वास रहा है। इसलिए हालात रातों-रात नहीं बदल सकते।’’
सेना ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘‘कश्मीर के दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन जनरल एम. एम. नरवणे ने नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा हालात का जायजा लिया।’’ सेना की ओर से बताया गया कि स्थानीय कमांडरों ने सेना प्रमुख को वर्तमान के सुरक्षा हालात की जानकारी दी तथा आतंकादियों की घुसपैठ की कोशिशों को विफल करने के लिए किए गए उपायों की भी जानकारी दी।
सेना ने कहा, ‘‘सेना प्रमुख ने जवानों के साथ बातचीत की और अभियान संबंधी उनकी उच्च स्तर की तैयारियों तथा ऊंचा मनोबल बनाकर रखने के लिए उनकी सराहना की।’’ सेना के एक अधिकारी ने बताया कि बुधवार को श्रीनगर पहुंचने के बाद जनरल नरवणे ने सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई. के. जोशी और चिनार कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डी. पी. पांडेय के साथ आंतरिक इलाकों की इकाइयों का दौरा किया जहां पर स्थानीय कमांडरों ने सुरक्षा की वर्तमान स्थिति के बारे में सेना प्रमुख को अवगत कराया।
अधिकारी ने बताया कि जनरल नरवणे को युवाओं को कट्टरपंथी गतिविधियों और आतंकवादी रैंकों में भर्ती करने में शामिल लोगों की पहचान करने और उन्हें नाकाम करने को लेकर किए जा रहे उपायों के बारे में भी जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि स्थानीय आतंकवादियों के आत्मसमर्पण और युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने से रोकने के प्रयासों पर भी चर्चा की गई।
सेना प्रमुख का यह दौरा इस मायने में विशेष महत्व रखता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर संघर्ष-विराम जारी रहने के 100 दिन पूरे हुए हैं। सैनिकों से बातचीत के दौरान सेना प्रमुख ने जवानों और कमांडरों को कोविड-19 और पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की दोहरी चुनौतियों से लगातार लड़ने के लिए उनकी सराहना भी की।
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