नई दिल्ली | भारतीय सेना प्रमुख विपिन रावत ने बुधवार को UN की कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन संबंधी रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। UN की यह रिपोर्ट कश्मीर और पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन के संबंध में जारी की गई थी। भारत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई बार यह मुद्दा उठाता रहा है कि पाकिस्तान कश्मीर में हालात खराब होने के पीछे जिम्मेदार है। वह आतंकवादियों को इस संबंध में पैसा और हथियार देता आया है जिससें कश्मीर में विद्रोह चलता रहे। ह्यूमन राइट्स वॉच के अनुसार कश्मीर में 1989 से अबतक 50,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।
मानवाधिकार के क्षेत्र में भारतीय सेना का रिकॉर्ड बहुत अच्छा
एक समारोह में रावत ने कहा, ‘मुझे भारतीय सेना के मानवाधिकार रिकॉर्ड के बारे में बोलने की जरूरत नहीं है। आप सभी इस बारे में जानते हैं, कश्मीर के लोग और अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इसे बेहतर ढंग से जानता है। मुझे नहीं लगता कि हमें इस रिपोर्ट को लेकर ज्यादा चिंता करनी चाहिए। इनमें से कुछ रिपोर्ट प्रेरित होती हैं।’ उन्होंने जोर देकर कहा कि मानवाधिकार के क्षेत्र में भारतीय सेना का रिकॉर्ड बहुत अच्छा है।
भारत ने रिपोर्ट को गलत, विवादास्पद और प्रेरित बताते हुए किया खारिज
इस महीने की शरुआत में जारी एक रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) ने कश्मीर और पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन की बात करते हुए इसकी अंतरराष्ट्रीय जांच कराने की बात कही थी। भारत ने बेहद कड़े शब्दों में रिपोर्ट को गलत, विवादास्पद और प्रेरित’ बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया था। इसपर विदेश मंत्रालय ने कहा था कि रिपार्ट ‘अतिपूर्वाग्रही’ है और वह ‘गलत छवि’ पेश करना चाहते है।
Latest India News