Arjun MK-1A: सेना को मिला 'हंटर किलर', केमिकल अटैक का भी नहीं होगा कोई असर
अर्जुन मार्क 1A मारक और बचाव क्षमता के लिहाज से विश्वस्तरीय टैंक है। इस टैंक में मुख्य हथियार और सहायक हथियार, दोनों की भूमिका निभाने की क्षमता है। टैंक में उच्च कोटी का इंजन लगा हुआ है।
पाकिस्तान और चीन से मिल रही चुनौती के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेन्नई में रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान अत्याधुनिक क्षमता से लैस और पूर्णतः स्वदेशी अर्जुन मार्क 1A टैंक (Arjun Mark 1A tank) राष्ट्र को समर्पित किया। यहां आयोजित एक समारोह में उन्होंने इस अत्याधुनिक टैंक की सलामी भी स्वीकार की। रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के यहां स्थित युद्धक वाहन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान द्वारा निर्मित इस अत्याधुनिक टैंक का डिजाइन देश में ही तैयार और विकसित किया गया है। इस परियोजना में 15 शैक्षणिक संस्थान, आठ प्रयोगशालाएं और कई सुक्ष्म एवं लघु उद्योग प्रतिष्ठान भी शामिल थे।
पूरी तरह से है स्वदेशी
तमिलनाडु और केरल के दौरे पर पीएम मोदी ने स्वदेशी अर्जुन मेन बैटल टैंक (एमके-1ए) चेन्नई में सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे को सौंपा। अर्जुन मार्क 1A टैंक की डिजाइनिंग से लेकर डिवेलपमेंट और मैन्युफैक्चरिंग तक का काम देश में ही हुआ है। आड़ लेकर हमला कर रहे दुश्मनों को भी तबाह करने की क्षमता के कारण इसे हंटर किलर टैंक भी कहा जाता है। आप भी जानिए स्वदेशी अर्जुन मार्क 1A टैंक की खासियतों को बारे में।
ये हैं अर्जुन मार्क 1A टैंक की खासियतें
- अर्जुन टैंक में 71 बड़े अपडेट करके मार्क 1A वर्जन तैयार किया गया है। इस कारण अर्जुन मार्क 1A मारक और बचाव क्षमता के लिहाज से विश्वस्तरीय टैंक है। इस टैंक में मुख्य हथियार और सहायक हथियार, दोनों की भूमिका निभाने की क्षमता है। टैंक में उच्च कोटी का इंजन लगा हुआ है।
- अर्जुन मार्क 1A टैंक की खास बात ये है कि टैंक लगातार हिलने वाले लक्ष्यों पर भी अचूक निशाना लगा सकता है वहीं लैंड माइंस को साफ करते हुए आसानी से बढ़ सकता है। इतना ही नहीं टैंक के आगे ग्रेनेड व मिसाइल हमले से बेअसर रहेगा।
- अर्जुन मार्क 1A टैंक के नये वर्जन को और भी आधुनिक तकनीक से लैस किया गया है। अर्जुन मार्क 1A में फायर पावर बढ़ाया गया है। वहीं टैंक अपने लक्ष्य को स्वयं तलाश करने में सक्षम है। यह टैंक साधारण अर्जुन टैंक से काफी ज्यादा ताकतवर है और यह तेजी से लक्ष्य का पीछा भी कर सकता है। यह हंटर किलर है यानी अपने लक्ष्य को ढूंढकर वार कर सकता है।
- इसमें काफी दमदार ट्रांसमिशन सिस्टम है, खासकर लचीला हाइपरन्यूमेटिक सस्पेंशन इसे ज्यादा घातक बना देता है। इसमें उच्च क्वॉलिटी का रनिंग गियर लगा है जो धमाके के वक्त भारी झटके को सीमित कर देता है। टैंक में रात हो या दिन, हर वक्त, हर मौसम में अपने लक्ष्य पर अचूक और तेज गति से हमला करने की क्षमता है।
- इस टैंक में युद्ध के दौरान कम-से-कम समय में दुश्मनों के हमलों का जवाब देने की क्षमता है। युद्ध में ज्यादा से ज्यादा दूरी तक दुश्मन के सैन्य साजो-सामानों के विनाश की क्षमता।
- इस टैंक पर ग्रेनेड और मिसाइलों से हमले का कोई असर नहीं होने वाला। अर्जुन मार्क 1A टैंक को केमिकल अटैक से बचाने के लिए इसमें स्पेशल सेंसर लगाए गए हैं।
बख्तरबंद कोर में इन टैंकों के दो रेजीमेंट बनेंगे
हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने 118 उन्नत अर्जुन मार्क 1A टैंक को भारतीय सेना में शामिल करने का फैसला किया था। 84 हजार करोड़ रुपये की कीमत वाले इन 118 टैंक को पूरी तरह से भारत में बनाया गया है। यानी, एक टैंक की कीमत करीब 711 करोड़ रुपये है। सेना के पास पहले से 124 अर्जुन टैंक हैं। हालांकि, वो परंपरागत तकनीक के टैंक हैं। भारतीय सेना के बख्तरबंद कोर में इन टैंकों के दो रेजीमेंट बनेंगे। एक रेजीमेंट पश्चिमी राजस्थान में होगा जहां से पाकिस्तान इस टैंक के निशाने से दूर नहीं होगा।