चेन्नई: अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने कल मंजूर किए गए अध्यादेश में सिर्फ 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार के मामलों में मौत की सजा का प्रावधान किए जाने पर हैरानगी जताते हुए कहा कि क्या 14, 15 और 16 साल की लड़कियां बच्चे नहीं है। हासन ने यह भी कहा कि परिवारों को अपने लड़कों को जिम्मेदार बनाना चाहिए।
‘मक्कल निधि मैअम’ (एमएनएम) प्रमुख हासन ने यूट्यूब के जरिए अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए यह कहा।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को आपराधिक कानून संशोधन अध्यादेश को मंजूरी देकर 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार के दोषियों को मौत की सजा सहित कठोर दंड के प्रावधान का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। हासन ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘आप तय करेंगे कि मुझे क्या होना चाहिए... मुख्यमंत्री या विपक्षी नेता।’’
जाति प्रथा के उन्मूलन पर उन्होंने कहा कि यह एक रोग है और इसका खात्मा होना चाहिए। जाति आधारित भेदभाव गरीबी का एक कारण है। जाति का फौरन उन्मूलन नहीं हो सकता। उन्होंने व्यक्तिगत स्तर पर इसमें बदलाव की अपील की।
उन्होंने ग्राम स्वराज को एक संभावना बताते हुए कहा कि उनकी पार्टी एक गांव को पहले ही गोद ले चुकी है तथा और भी गांवों को गोद लेगी।
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