नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल करने के मकसद से बुधवार को हरितक्रांति-कृषोन्नति परियोजना के विस्तार को मंजूरी प्रदान की। हरितक्रांति-कृषोन्नति परियोजना का मकसद 11 विभिन्न कृषि योजनाओं को एक छतरी के नीचे लाना और प्रभावी ढंग से उनकी निगरानी करना है।
यह परियोजना पिछले साल शुरू की गई थी। अब इसे 12वीं पंचवर्षीय योजना के बाद भी जारी रखने को मंजूरी प्रदान की गई है। इस परियोजना में तीन साल यानी वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-2020 में केंद्र की भागीदारी 33,279 करोड़ रुपये होगी।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंत्रिमंडल के निर्णयों के बारे में मीडिया को बताते हुए कहा, "किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए, हमारी सरकार ने 11 योजनाओं को एक ही छतरी के नीचे लाने का निर्णय लिया है। यह हरितक्रांति-कृषोन्नोति परियोजना है। यह एक ऐतिहासिक निर्णय है।"
सरकार की ओर कहा गया कि इन योजनाओं के तहत कृषि व संबद्ध क्षेत्र के समुचित विकास को अहमियत दी गई है। साथ ही वैज्ञानिक पद्धति का उपयोग कर कृषि पैदावार बढ़ाने और उपज से बेहतर आय प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
इसके तहत एककीकृत बागबानी विकास मिशन (एमआईडीएच), खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम), राष्ट्रीय टिकाऊ कृषि मिशन (एनएमएसएम) व अन्य योजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं का मकसद उत्पाद बढ़ाना, उत्पादन लागत कम करना और कृषि व संबद्ध उत्पादों के विपणन की व्यवस्था करना है।
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