शिमला। निर्भया केस के गुनहगारों की फांसी में हो रही देरी से पूरा देश गुस्से में हैं, शिमला से रवि कुमार नाम के व्यक्ति ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी है कि जबतक निर्भया के गुनहगारों को फांसी पर लटकाने के लिए जल्लाद नहीं मिल जाता तबतक उसे ही अस्थाई तौर पर जल्लाद बना दिया जाए। रवि कुमार ने राष्ट्रपति को लिखा है कि तिहाड़ जेल में अभी कोई जल्लाद नहीं है ऐसे में उसे ही अस्थाई तौर पर जल्लाद बना दिया जाए ताकि निर्भया के गुनहगारों को जल्द से जल्द फांसी पर लटकाया जा सके और निर्भया की आत्मा को शांति मिले।
बता दें कि तिहाड़ जेल प्रशासन के पास निर्भया के दोषियों को फांसी पर चढ़ाने के लिए कोई जल्लाद उपलब्ध नहीं है। सूत्रों का कहना है कि 1 महीने में फांसी की तारीख आ सकती है, इसलिए जेल प्रशासन इसके इंतजाम को लेकर चिंतित है। ऐसे में शिमला से रवि कुमार ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर निर्भया के गुनहगारों को फांसी पर लटकाने के लिए अस्थाई जल्लाद बनाए जाने की इच्छा जताई है।
वहीं, इसी बीच गृह मंत्रालय को निर्भय गैंगरेप और हत्या के केस में आरोपी विनय कुमार की दया याचिका मिली है। इससे पहले दिल्ली सरकार ने दया याचिका खारिज कर दी थी। गृह मंत्रालय इस दया याचिका को जल्द ही राष्ट्रपति के पास भेजेगा। अगर राष्ट्रपति निर्भया के दोषी की दया याचिका खारिज कर देते हैं तो ब्लैक वॉरंट जारी किया जाएगा, जिसके बाद फांसी की तारीख तय होगी। मामले के बाकी तीनों दोषियों अक्षय, पवन और मुकेश ने दया याचिका नहीं लगाई है।
वहीं, एक आरोपी राम सिंह ने पहले ही जेल में खुदकुशी कर ली थी जबकि छठा नाबालिग दोषी सजा पूरी करके बाहर आ चुका है। गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली के मुनीरका में एक प्राइवेट बस में अपने एक दोस्त के साथ चढ़ी 23 वर्षीय पैरा मेडिकल छात्रा के साथ 6 लोगों ने चलती बस में गैंगरेप और लोहे के रॉड से क्रूरतम आघात किया गया था। जिसके बाद गंभीर रूप से घायल पीड़िता और उसके दोस्त को चलती बस से नीचे फेंक दिया गया था। बाद में पीड़िता की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
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