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Hindi News भारत राष्ट्रीय असम में सुधरे हालात, आज से कर्फ्यू हटा, इंटरनेट सेवा भी बहाल

असम में सुधरे हालात, आज से कर्फ्यू हटा, इंटरनेट सेवा भी बहाल

पूर्वोत्तर का द्वार समझे जाने वाले असम में स्थिति कमोबेश शांत रही। हालात के सामान्य होने का दावा करते हुए राज्य सरकार ने कर्फ्यू को हटाने का फैसला किया है।

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नई दिल्ली: पूर्वोत्तर का द्वार समझे जाने वाले असम में स्थिति कमोबेश शांत रही। हालात के सामान्य होने का दावा करते हुए राज्य सरकार ने कर्फ्यू को हटाने का फैसला किया है। असम सरकार ने घोषणा की कि गुवाहाटी में 11 दिसंबर को लगाए कर्फ्यू को आज सुबह छह बजे से हटाया जाएगा। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों के बाद बंद की गई ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाओं को भी मंगलवार सुबह से बहाल कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की अध्यक्षता में कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया।

राष्ट्रपति द्वारा नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर हस्ताक्षर किये जाने के बाद सबसे पहले असम में ही जनाक्रोश भड़का था। अधिकारियों ने बताया कि गुवाहाटी में कुछ प्रदर्शनकारी और उनके नेता हिरासत में लिये गये लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। वैसे सोशल मीडिया के कथित दुरुपयोग को रोकने के उद्देश्य से अगले 24 घंटों के लिये इंटरनेट सेवा स्थगित कर दी गयी। 

असम के अतिरिक्त डीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) जी पी सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘स्थिति में काफी सुधार आया है, गुवाहाटी से 16 दिसंबर को सुबह छह बजे से दिन का कर्फ्यू हटाया गया। रात का कर्फ्यू रात नौ बजे से अगले दिन सुबह छह बजे तक जारी रहेगा।’’ डिब्रूगढ़ में प्रशसान ने लोगों को दोपहर तीन बजे के बाद बिना अनुमति के कोई प्रदर्शन करने के खिलाफ आगाह किया है। 

आसू के मुख्य सलाहकार समुजल भट्टाचार्य और महासचिव लुरिनज्योति गोगोई को गुवाहाटी में एक रैली के दौरान 100 से अधिक प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस हिरासत में दिया गया। हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया। 

असम के प्रभावशाली मंत्री हेमंतविश्व शर्मा ने कहा कि स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है और कर्फ्यू हटाया जाएगा एवं इंटरनेट सेवाएं बहाल की जाएंगी। पुलिस ने राज्य में पिछले सप्ताह हुई हिंसा के संबंध में 136 मामले दर्ज किए हैं और 190 लोगों को गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि पाबंदियां हटाने की कोशिशें चल रही है ताकि शैक्षिक संस्थान खुल सकें। 

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